लालबत्ती के आतंक से मुक्ति की नई सुबह
देश में वीवीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस फैसले के बाद शान समझी जाने वाली लालबत्ती वाहनों पर लगाने का अधिकार किसी के पास नहीं होगा। इस निर्णय से राजनीति की एक बड़ी विसंगति को न केवल दूर किया जा सकेगा, बल्कि ईमानदारी एवं प्रभावी तरीके से यह निर्णय लागू किया गया तो समाज में व्याप्त लालबत्ती संस्कृति के आतंक से भी जनता को राहत मिलेगी। क्योंकि न केवल कीमती कारों में बल्कि लालबत्ती लगी गाड़ियों में धौंस जमाते तथाकथित छुटभैये नेता जिस तरह से कहर बनकर जनता को दोयम दर्जा का मानते रहे हैं, उससे मुक्ति मिलेगी और इससे राजनीति में अहंकार, कदाचार एवं रौब−दाब की विडम्बनाओं एवं दुर्बलताओं से मुक्ति का रास्ता साफ होगा। इससे साफ−सुथरी एवं मूल्यों पर आधारित राजनीति को बल मिलेगा। नये भारत में इस तरह के अनुशासित, अहंकारमुक्त, स्वयं को सर्वोपरि मानने की मानसिकता से मुक्त जनप्रतिनिधियों की प्रतिष्ठा अनिवार्य है। अंग्रेजों द्वारा अपनी अलग पहचान बनाये रखने की गरज से ऐसी व्यवस्था लागू की गई थी जिसका आंखें मूंदकर हम स्वतन्त्र भारत में पालन किये जा रहे थे। सर्वोच्च न्यायालय ने लगातार लालबत्ती संस्कृति पर अंकुश लगाने की जरूरत बताई थी मगर राजनीतिक दल इसे दरकिनार किये जा रहे थे।
Read more at http://www.prabhasakshi.com/news/politics-articles/story/22496.html#UGPV9w0xLKeuLyXa.99
Comments are closed.