विचारधारा के नाम पर राष्ट्रपति चुनाव में हारी लड़ाई लड़ रहा विपक्ष
आखिर विपक्ष ने 17 पार्टियों की बैठक में एक मत से मीरा कुमार को अपना साझा राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित कर दिया। विपक्ष का कहना है कि एनडीए ने राष्ट्रपति उम्मीदवार पर आम सहमति नहीं बनायी इसलिए वैचारिक लड़ाई हेतु विपक्ष तो अपना उम्मीदवार उतारेगा ही। मीरा कुमार यूपीए सरकार के प्रथम कार्यकाल में सामाजिक न्याय मंत्रालय में मंत्री थीं और दूसरे कार्यकाल में उन्हें देश की पहली महिला स्पीकर (4 जून 2009-16 मई 2014) बनने का गौरव प्राप्त हुआ। राजनीति में आने से पूर्व मीरा कुमार भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी थीं। इनकी पारिवारिक पृष्ठ भूमि भी राजनीतिक है। इनके पिता जगजीवन राम भारतीय दलित राजनीति के बड़े चेहरे रह चुके हैं साथ ही उप प्रधानमंत्री पद और रक्षा मंत्री के पद पर भी आसीन रह चुके हैं। मीरा कुमार का स्वयं राजनीति में एक लंबा अनुभव रहा है। वे 1985 में उत्तर प्रदेश के बिजनौर से पहली बार सांसद चुनी गईं। वे पांच बार सांसद रह चुकी हैं। सबसे बड़ी बात है कि वे भारतीय राजनीति में कोई विवादित चेहरा नहीं हैं। एक दलित नेता हैं और उन्होंने लोकसभा के स्पीकर पद के दायित्वों का निर्वहन बेहतरीन ढंग से किया है।
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