समय निकाल कर जरूर देखें ‘टॉयलेट: एक प्रेम कथा’
इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म ‘टॉयलेट-एक प्रेम कथा’ भारत में खुले में शौच की समस्या की ओर सभी का ध्यान खींचती है। निर्माता-निर्देशक की इस बात की तारीफ की जानी चाहिए कि उन्होंने देश की आधी आबादी की एक बड़ी समस्या को बड़े पर्दे पर पेश किया है। पटकथा लेखक का कमाल रहा कि उन्होंने गंभीर मुद्दे को मनोरंजन और भावनाओं के साथ ऐसा उभारा कि सिनेमाहॉल में बैठा हर दर्शक फिल्म का मुरीद बनता नजर आया। इस फिल्म को उत्तर प्रदेश में टैक्स फ्री कर दिया गया है उम्मीद की जानी चाहिए कि अन्य राज्य सरकारें भी इस फिल्म को कर मुक्त कर देंगी ताकि ज्यादा से ज्यादा दर्शक इस फिल्म को देखें और इस फिल्म के जरिये दिये गये सकारात्मक संदेश का प्रसार हो सके। फिल्म की कहानी केशव (अक्षय) और जया (भूमि) के इर्दगिर्द घूमती है। केशव गांव का रहने वाला है और वह जया से प्यार करने लगता है। दोनों शादी के लिए राजी हो जाते हैं लेकिन केशव जया को यह नहीं बताता कि उसके घर में टॉयलेट नहीं है। ससुराल आने के बाद जया को जब यह बात पता लगती है तो वह परेशान हो जाती है और टॉयलेट नहीं होने की वजह से तलाक लेने की बात करती है। अब केशव कैसे अपने घर में और गांव के अन्य लोगों को टॉयलेट बनाने के लिए प्रेरित करता है यह फिल्म में बड़े रोचक ढंग से दिखाया गया है। अभिनय के मामले में भूमि पेडनेकर का जवाब नहीं। फिल्म में उन्होंने अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया। अक्षय कुमार भी अपने रोल में जमे हैं। अनुपम खेर, दिव्येंदु और सुधीर पांडे का काम भी दर्शकों को पसंद आयेगा। फिल्म में कॉमेडी अच्छी है और लोग इसे पसंद करेंगे। फिल्म का गीत संगीत भी आजकल काफी सुना जा रहा है और इनका फिल्मांकन भी अच्छा हुआ है। फिल्म परिवार सहित देखने लायक है। निर्देशक श्री नारायण सिंह को एक उम्दा फिल्म बनाने के लिए बधाई।
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