फैसला महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में अहम कदम: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक साथ लगातार तीन बार तलाक बोलने की प्रथा पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए आज कहा कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण और मुस्लिम महिलाओं को समानता का अधिकार प्रदान करने की दिशा में अहम कदम है। उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, ”माननीय उच्चतम न्यायालय का फैसला ऐतिहासिक है। यह मुस्लिम महिलाओं को समानता का अधिकार प्रदान करने और महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में सशक्त कदम है।’’ इससे पहले स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने लालकिले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा था, ‘मैं उन महिलाओं के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करता हूं जिन्हें तीन तलाक के कारण दुखद जीवन जीना पड़ रहा है। उन महिलाओं ने इसके खिलाफ एक आंदोलन चलाया जिसने इस प्रथा के खिलाफ पूरे देश में एक माहौल तैयार कर दिया।’’ प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनके अधिकार दिलाने के लिए पूरा देश इन प्रयासों में उनके साथ है। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने बहुमत के निर्णय में मुस्लिम समाज में एक बार में तीन बार तलाक देने की प्रथा को निरस्त करते हुये आज अपनी व्यवस्था में इसे असंवैधानिक, गैरकानूनी और शून्य करार दिया। न्यायालय ने कहा कि तीन तलाक की यह प्रथा कुरान के मूल सिद्धांत के खिलाफ है। प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने 365 पेज के फैसले में कहा, ‘‘3:2 के बहुमत से दर्ज की गयी अलग अलग राय के मद्देनजर ‘‘तलाक-ए-बिद्दत’’ तीन तलाक को निरस्त किया जाता है।’’ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि तीन तलाक पर उच्चतम न्यायालय का निर्णय मुस्लिम महिलाओं के लिए स्वाभिमान पूर्ण एवं समानता के एक नए युग की शुरूआत है और भाजपा मुस्लिम महिलाओं को मिले उनके अधिकारों और सम्मान को संकल्पवान ‘‘न्यू इंडिया’’ की ओर बढ़ते कदम के रूप में देखती है।
Comments are closed.