भारतीय रेलवे को इन ‘गंभीर लापरवाहियों’ से बचा लो प्रभु!
भारतीय परिवहन का प्रमुख तंत्र रेलवे पुन: एक बड़ी दुर्घटना के चपेट में आ गया। मुजफ्फरनगर के खतौली में कलिंग उत्कल एक्सप्रेस के 13 डिब्बे पटरी से उतरे, जिसमें कम से कम 30 लोग मर गए तथा 100 से ज्यादा घायल हुए। दुर्घटना की तसवीरों से ही स्थिति की भयावहता को समझा जा सकता है। खतौली रेलवे स्टेशन से आगे जहाँ हादसा हुआ, वहाँ पटरी की मरम्मत का कार्य चल रहा था। पटरी मरम्मत के औजार भी घटनास्थल पर पड़े हुए हैं, फिर भी चालक को इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई तथा कलिंग उत्कल एक्सप्रेस चश्मदीदों के अनुसार 100 किमी/घंटा की ज्यादा गति से मरम्मत वाली पटरियों से गुजरी। जिससे यह हादसा तो तय ही था। इस दुर्घटना में रेल मंत्रालय की लापरवाही स्पष्टत: देखी जा सकती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह दुर्घटना तब घटी है, जब अगले ही माह सितंबर में भारत में बुलेट ट्रेन की नींव रखी जानी है। इस हादसे की भयावहता को इससे ही समझा जा सकता है कि रेल का एक डिब्बा बगल के घर में घुसते हुए चौधरी तिलक राम इंटर कॉलेज की बिल्डिंग में भी घुस गया। घर के अंदर के लोग भी इससे घायल हुए हैं।
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