ओंटेरियो में मच्छरों से फैल रहा हैं जीका वायरस
ओंटेरियो। दक्षिण ओंटेरियो स्वास्थ्य ईकाई द्वारा पहली बार जारी रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया हैं कि ओंटेरियो में जीका वायरस फैलने का मुख्य कारण मच्छर हैं, जिनमें से व्यस्क मच्छरों द्वारा इसे तेजी से फैलाया जा रहा हैं। स्वास्थ्य ईकाई द्वारा जारी रिपोर्ट में यह भी कहा कि लारवा मच्छर इस वायरस को वहन नहीं कर पाता और वहीं मर जाता हैं परन्तु व्यस्क मच्छर इसके वायरस को धारण करके किसी भी व्यक्ति भी इसका जीवाणु पहुंचा सकता हैं, जोकि बहुत खतरनाक हैं, परन्तु कुछ प्रजाति के मच्छर ही इसे फैला पाते हैं सभी इसे वहन नहीं कर पाते, ये मच्छर दूसरी बीमारियां फैलाते हैं जैसे डेंगू, चिकनगुनिया और यैलॉ फीवर आदि, चिंता का विषय यह हैं कि दक्षिणी सयुंक्त राज्यों में मिलने वाले मच्छरों में अधिकतर जीका वायरस से प्रभावित हैं और इस कारण वहां रहने वालों में इस वायरस से प्रभावित होने की अधिक संभावना हैं।स्वास्थ्य ईकाई के मेडिकल अधिकारी डॉ. वाजिद अहमद ने बताया कि इस वायरस को सबसे पहले कैनेडा बैक में सन् 2001 में देखा गया था, उसके पश्चात इसे फैलाने वाले मच्छरों में लगातार वृद्धि ही हो रही हैं, और सरकारी योजनाओं का भी इस वायरस को रोकने में सभी प्रबंध असफल साबित हुए। इस सर्वे के अंतर्गत मई से प्रत्येक जाने के लोगों का ब्लड सैम्पल लैब में भेजा गया और उसके जांच कर यह पता लगाया जाने लगा कि उसके सैम्पल में वेस्ट नाइल वायरस हैं या नहीं, हमें इस शोध पर कार्य करते लगभग 33 हफ्ते हो गए और गौरतलब हैं कि हमने अभी तक 250 मॉसकीटो पूलस इस वायरस से ग्रसित पाएं, सबसे रोचक बात इस वायरस की यह हैं कि इसके 80 प्रतिशत ग्रसित लोगों को इसके लक्षणों का पता ही नहीं लगता, जिसके कारण इसका इलाज करवाना इतना कम हैं। चिंता का विषय यह हैं कि टोरंटो, मिसिसॉगा और टोरंटो आईलैंड आदि सभी स्थानों के मच्छरों में यह वायरस पाया गया। इसे रोकने के लिए सबसे पहले हमें लारवासाईड के साथ साथ लोगों को इसके प्रति जागरुक करना होगा, तभा इस पर नियंत्रण रखा जा सकेगा।
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