ट्रुडो ने की लिंग समानता नीति पर चर्चा
टोरंटो। ताकतवर विपक्ष के होते हुए भी प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो लोगों के मध्य कोई न कोई ऐसा मुद्दा उठाते रहते हैं जिससे उनकी लोकप्रियता और अधिक बढ़ जाती हैं, अमेरिका के साथ नाफ्ता मुद्दे पर चर्चा हो या देश में लिंग समानता का मुद्दा सभी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री सराहनीय कार्य कर रहे हैं, जिससे देश को लाभ मिलेगा। टोरंटो में आयोजित प्रथम विश्व महिला सम्मेलन में अपना संबोधन देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह सदैव ही महिलाओं के कार्यों को प्रोत्साहित करते रहे हैं और इसके लिए उन्होंने अपनी कैबीनेट में भी बराबरी की नीति को पारित किया, जिससे राजनीति में भी महिलाएं खुलकर सामने आएं और अपने विकास पूर्ण कार्यों से देश के सेवा कर सके। उन्होंने इस बात को भी दोहराया कि अभी भी विश्व के कुछ देशों में महिलाओं की स्थिति दयनीय हैं जिस पर गहन कार्य करने की आवश्यकता हैं, दक्षिणी सीमावर्ती इलाकों में उन्होंने कहां कि महिलाओं द्वारा अपने रोजगार हेतु कई प्रकार के गलत कार्य भी करवाएं जाते हैं, जिसे रोकना होगा, जिससे उनकी गिरती छवि को सुधारा जा सके। इसके लिए सबसे पहले इन महिलाओं की दयनीय स्थिति दूर करनी होगी। जिससे इनके जीवन स्तर के साथ साथ देश का भी संपूर्ण विकास हो सके। कार्यक्रमों के आयोजकों का कहना हैं कि हमारी संस्था का भी यही उद्देश्य हैं कि हम जल्द से जल्द महिलाओं को सम्मान व आर्थिक सहयोग बिना किसी डर भय के दिलवा सके। सम्मेलन की संस्थापक टीना ब्राउन ने कहा कि मेरे विचार से सहनशीलता को महिलाओं के प्रति एक अच्छा कार्य बताना सबसे बड़ी कमजोरी होगी, हमारे देश के प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ने भी इस बात की पुष्टि की हैं कि देश की बागड़ोर के बड़े विभाग महिलाएं पुरुष से अधिक उचित प्रकार से संभाल सकेगी।
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