इस्लामॉभोबिया शिक्षा को चारों ओर फैलाने की सांसद ने लगाई गुहार
औटवा। पिछले वर्ष हाऊस ऑफ कॉमनस में सबसे विवादित मुद्दों में से एक रहे इस्लामॉभोबिया पर इस वर्ष भी गहमा गहमी रहने की उम्मीद जताई जा रही हैं, इसके समर्थन में एक लिबरल सांसद के आने के पश्चात एक बार फिर से यह मुद्दा सुर्खियों में आ गया हैं। ईकरा खालिद ने हाऊस ऑफ कॉमनस की हैरीटेज कमेटी से कहा कि सभी सांसदों को इस्लामॉभोबिया का ज्ञान होना आवश्यक हैं, उसके पश्चात ही इस पर नियंत्रण लगाया जा सकेगा। खालिद ने आगे कहा कि इस प्रकार के शिक्षा अभियान के अंतर्गत इसके प्रति फैले जातिवाद और धार्मिक भेदभाव को मिटाने में भी मदद मिलेगी, उन्होंने आगे बताया कि वह चाहती हैं कि एक ऐसा मिशन तैयार किया जाएं जिसमें एम-103 का प्रारंभ हो, जिसमें 2016 में फैले दुविचारों को दूर किया जाएं और लोगों के मध्य इसके प्रति फैली गलत धारणाओं को मिटाया जा सके। लेकिन विपक्षियों को मानना हैं कि इस प्रकार के ज्ञान से जातिवाद कम होने के स्थान पर और अधिक बढ़ेगा, लोगों को एक ही धर्म के प्रति और अधिक बढ़ावा दिए जाने का डर व्याप्त होगा, इसलिए इस गंभीर विषय पर सोच समझकर कोई भी नियम कानून पारित करना होगा। जिससे कोई भी नया विवाद नहीं खड़ा हो सके।
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