अमेरिकी सीनेट में पारित हुआ भारत विरोधी बिल

fathi20111202055209747वाशिंगटन। अमेरिकी सीनेट ने एक करोड़ से अधिक गैरकानूनी प्रवासियों को नागरिकता देने वाले एक विधेयक को मंजूरी दी है। इस विधेयक के कानून बनने से एच1बी वीसा के आधार पर अमेरिका में नौकरी देने वाली भारतीय कंपनियों को ज्यादा रकम चुकानी होगी। विश्लेषकों के अनुसार इसका कानून बनना भारत के लिए बुरी खबर हो सकती है। हालांकि अभी इसे कांग्रेस के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में पारित होना है। उसके बाद यह कानून बनने के लिए राष्ट्रपति के पास जाएगा।

तीन हफ्ते की गरमागरम बहस के बाद डेमोक्रेटिक नियंत्रित सीनेट ने इसे 32 के मुकाबले 68 मतों से पारित कर दिया। देश के प्रवासी कानून में व्यापक व्यापक बदलाव लाने वाले इस विधेयक को राष्ट्रपति बराक ओबामा का समर्थन प्राप्त है। लेकिन रिपब्लिकन बहुमत वाले हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में इसकी असल परीक्षा होगी। इसे आठ सीनेट
सदस्यों ने मिलकर पेश किया। इनमें चार डेमोक्रेट और चार रिपब्लिकन सदस्य थे। सीनेट में पारित विधेयक के तहत देश में वर्षों से गैरकानूनी तरीके से रह रहे एक करोड़ 10 लाख से अधिक लोगों को समयबद्ध नागरिकता दी जाएगी। इसके लिए 13 साल के लिए एक कार्ययोजना तैयार की गई है। इनमें ज्यादातर ऐसे लोग हैं जो वीसा अवधि खत्म होने के बाद भी अमेरिका में ही बस गए या फिर चोरी छिपे मैक्सिको से अमेरिकी सीमा में प्रवेश कर गए। ऐसे लोगों को इस कानून के तहत कानूनी तौर पर रहने और नौकरी करने के दस्तावेज दिए जाएंगे।

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