इशरत जहां केस को लेकर सीबीआई और गृह मंत्रालय में टकराव बढ़ा
नई दिल्ली-इशरत जहां और लश्कर-ए-तैयबा के तीन अन्य संदिग्ध आतंकियों के कथित फर्जी एनकाउंटर की जांच को लेकर सीबीआई और गृह मंत्रालय के बीच मतभेद बढ़ता ही जा रहा है। गृह मंत्रालय किसी भी हाल में इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के स्पेशल डायरेक्टर राजेंद्र कुमार को आरोपी बनाए जाने के पक्ष में नहीं है, जबकि अब तय है कि अगले सप्ताह दायर होने वाली चार्जशीट में सीबीआई उन्हें हत्या के षड्यंत्र में शामिल बताएगी। गृह मंत्रालय को लगता है कि अधिकारी को राजनीति में बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
गृह मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, ‘इशरत जहां और तीन अन्य संदिग्ध आतंकी पहले आईबी की हिरासत में थे और उसके बाद चारों को गुजरात पुलिस को सौंप दिया गया था। राजेंद्र कुमार उस समय में गुजरात में आईबी के स्टेशन हेड थे और उनकी देखरख में ही यह ऑपरेशन हुआ था, लेकिन बाद में उनको गुजरात पुलिस द्वारा फर्जी मुठभेड़ में मारे जाने की गतिविधि में वह शामिल नहीं थे।’
सीबीआई अपनी चार्जशीट में कहने वाली है कि राजेंद्र कुमार शुरू से लेकर फर्जी मुठभेड़ में बतौर साजिशकर्ता शामिल थे। दूसरी तरफ, गृह मंत्रालय का मानना है राजेंद्र कुमार निर्दोष हैं और सीबीआई के पास उनको साजिशकर्ता साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है। सीनियर अधिकारी का कहना है कि साजिश में शामिल बताने के लिए सीबीआई को यह साबित करना होगा कि आरोपी गुजरात पुलिस और राजेंद्र कुमार एकमत थे, लेकिन हमें विश्वास है कि ऐसा कोई सबूत सीबीआई के पास नहीं है। उन्होंने कहा कि आईबी अधिकारी को ज्यादा से ज्यादा फर्जी एनकाउंटर के बारे में जानकारी न देने का आरोपी बनाया जा सकता है।
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