नीतिशास्त्र आयुक्त ने 2015 में स्टॉक बिक्री मामले से मॉरन्यू को किया दोषमुक्त
औटवा। लंबे समय से चल रहे स्टॉक बिक्री मामले से अंतत: मॉरन्यू को छुटकारा मिला, केंद्रीय नीतिशास्त्र आयुक्त ने वित्तमंत्री बिल मॉरन्यू को उन पर लगे आरोपों से मुक्त कर दिया हैं, गौरतलब हैं कि जांच दल ने मॉरन्यू व उनके पिता द्वारा बेचे गए शेयरों को लेकर उठे विवादों को खारिज करते हुए कहा कि ये बिक्री उनकी निजी जिम्मेदारी हैं जिसके लिए उनसे किसी भी प्रकार की पूछताछ नहीं हो सकती इसे सरकारी धन से जोड़ना गलत होगा। सन 2015 में मॉरन्यू और उनके पिताजी द्वारा मॉरन्यू शीपेल के शेयरों को लाखों डॉलर में बेचा जिसमें आधे से कम धन को इन्होंने छुपाते हुए धन शेष धन का खुलासा किया। इन शेयरों की बिक्री के साथ ही मॉरन्यू पर लाखों का कर भी बन गया था, जिसे अभी तक चुकाया नहीं गया हैं। इसका पूर्ण प्रभाव बाजार पर भी पड़ने लगा और तेजी से ऊपर जाता बाजार धड़ाम ने नीचे गिर गया। जांच से पूर्व मॉरन्यू पर यह आरोप लगाया गया कि कर से बचने के लिए राजा ने अपने बिक्री धन को कम बताया। जिससे कर का आंकलन कम हुआ, परंतु मॉरन्यू के परिवार द्वारा उनका पूरा सहयोग दिया गया और इस स्थिति से मॉरन्यू को उबार लिया गया। जिसके परिणामस्वरुप गत 5 जनवरी को डॉसन ने मॉरन्यू को दोषमुक्ति का प्रमाण दिया, तो सभी के चेहरे खिल उठे। डॉसन ने स्पष्ट किया कि यह जांच दो अलग-अलग स्तरों पर किया गया, एक तो पृथक रुप से मॉरन्यू की जांच करके और दूसरा बैंक ऑफ कैनेडा द्वारा मॉरन्यू शीपेल के कर्मचारियों द्वारा पेंशन प्लान योजना के क्रियान्वयण की, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि इन्होंने केवल कंपनी के नाम पर अपने कर्मचारियों के साथ तो कोई घोटाला नहीं किया हैं।
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