‘लाल किले का निजीकरण’
मुगलों की निशानी लाल किला बिक चुका है। चौंकिये मत, दरअसल नरेंद्र मोदी सरकार ने ‘एडॉप्ट अ हेरिटेज’ के तहत लाल किला को निजी हाथों में दे दिया है। लाल किले की देखरेख अब डालमिया समूह करेगा। सरकार के इस फैसले को लेकर बहस छिड़ गई है। ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के मौलाना साजिद रशीदी ने इस फैसले से नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि सरकार को अपना निर्णय वापस लेना चाहिए। बता दें डालमिया भारत समूह अगले पांच साल तक लाल किले की देखरेख करेगा और इसके लिए 25 करोड़ रुपये का अनुबंध हुआ है। लाल किला को गोद लेने की कतार में इंडिगो एयरलाइंस और जीएमआर ग्रुप जैसी कई दिग्गज कंपनियां भी शामिल थीं। माना जा रहा है कि लाल किला के बाद अब ताज महल को गोद लेने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। बता दें मुगल बादशाह शाहजहां ने 17वीं शताब्दी में लाल किला का निर्माण करवाया था। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से हर साल 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री तिरंगा फहरा कर आजादी का जश्न मनाते हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं।
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