सीपी रेल प्रचालकों ने की हड़ताल

जबकि सिगनल कर्मचारियों ने रेल कंपनी के साथ समझौते की बात दोहराई 
मॉन्ट्रीयल। गत मंगलवार की देर रात्रि से कैनेडियन पैसेफिक रेल के 3000 से अधिक कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल की घोषणा कर दी हैं, जबकि दूसरी श्रेणी के सिगनल कर्मचारियों ने रंल कंपनी के साथ संभावित समझौते की बात को स्वीकार करते हुए कहा कि यदि केंद्रीय मध्यस्थ उनकी मांगों को रेल कंपनी द्वारा मनवाने में सफल रहते हैं तो वे इस हड़ताल में शामिल नहीं होगे, अन्यथा उनके पास भी और कोई चयन शेष नहीं होगा और उन्हें मजबूरन इसमें शामिल होना पड़ेगा। सीपी कर्मचारियों की हड़ताल की घोषणा के कुछ समय पश्चात ही सिगनल कर्मचारियों ने यह जानकारी पत्रकारों को दी। ज्ञात हो कि इस समय 360 सिगनल कर्मचारी इंटरनेशनल ब्रदरहुड में कार्यरत हैं जिनके इस हड़ताल में शामिल होने से पूर्ण रुप से रेल व्यवस्था चैपट हो जाएगी। टीमस्टेयरस ने कहा कि इस हड़ताल से पहले उन्होंने किसी भी प्रकार से समझौते की रणनीति अपनाने की बहुत अधिक कोशिश की परंतु वे नाकाम रहें, और उन्हें इस हड़ताल की घोषणा करनी पड़ी। टीमस्टेयर ने यह भी सुनिश्चित किया कि प्रतिदिन आने जाने वाली ट्रेने उनकी इस हड़ताल से प्रभावित नहीं होगी, उनको नियमित रुप से प्रचालित किया जाता रहेगा, जिससे लोगों को कोई परेशानी न हो। लेकिन जो ट्रेनें पूर्व से रद्द हैं या नहीं चलाई जा रही उन्हें मौजूदा समय में नहीं चलाया जाएगा, समझौते के पश्चात ही उनके आवा-गमन पर कोई विचार किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर इस हड़ताल से निपटने के लिए सीपी रेल ने कुछ अन्य योग्य स्टाफ को हायर कर लिया हैं और उनका मानना हैं कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए इस प्रकार का कठोर कदम उठाना अत्यंत आवश्यक था, जिसे नई घोषणा तक इसी प्रकार स्थाई रखा जाएगा। इस हड़ताल पर टिप्पणी करते हुए प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ने माना कि इस प्रकार की बड़ी हड़ताल देश में होना उचित नहीं और वह जल्द ही विधानसभा में एक ऐसा बिल लाने पर विचार कर रहे हैं जिसमें इस प्रकार की समस्याओं पर दोनों पक्ष अपने कामों को प्रभावित न करें और जल्द ही किसी मध्यस्थ समझौते के लिए राजी हो जाएं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की हड़ताल से न केवल संस्था को नुकसान पहुंचता हैं बल्कि पूरे देश की कार्यव्यवस्था अनियमित होकर बिगड़ जाती हैं, जिस पर जल्द ही कोई निर्णायक कदम उठाना अति आवश्यक हो गया हैं।
You might also like

Comments are closed.