बी.सी.यात्रा के दौरान ट्रुडो मिले एंटी-पाईपलाईन प्रदर्शनकारियों से
टोरंटो। प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो के बी.सी. पहुंचने पर गत रविवार को आयोजित सभा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने उनकी सभा से पूर्व ड्रम व घंटे बजाकर अपना विरोध व्यक्त किया, ये एंटी-पाईपलाईन प्रदर्शनकारी नहीं चाहते थे कि प्रधानमंत्री इस विषय पर कोई भी संबोधन करें परंतु ऐसा नहीं हुआ और प्रधानमंत्री ट्रुडो ने अपना संदेश लोगों तक पहुंचाया, उन्होंने अपने संदेश में कहा कि कैनेडा की लिबरल पार्टी किसी भी अच्छे कार्य के लिए कभी भी नहीं घबराएगी और उसे पूर्ण करने के लिए कितनी भी परेशानी उठानी पड़े अवश्य उठाएगी और उसे पूर्ण करके ही दम लेगी। उनके प्रमुख कार्यों में पाईपलाईन का विस्तार भी लक्ष्यों में शामिल हैं। सामाजिक कार्यों में कई प्रकार की मुश्किलें सामने आती हैं, परंतु इससे घबराने की बजाए इसे जल्द ही पूरा करने पर प्रसन्नता मिलती हैं। गौरतलब हैं कि प्रधानमंत्री के संदेश के मध्य ही प्रदर्शनकारियों के विशेष दल का नेतृत्व करने वाले जॉर्ज ने भाषण के मध्य ही जोर जोर से ड्रम बजाना आरंभ कर दिया और जनजातीय गीत गाया, जिसमें हजारों की भीड़ में खड़ी एक महिला ने जोर से चिल्लाते हुए उसे चुप रहने के लिए कहा, ट्रुडो के प्रशंसकों की अभी भी कोई कमी नहीं हैं यह इस बात का सूचक हैं। जॉर्ज उन सभी आदिवासियों का नेतृत्व कर रहे हैं जो इस पाईपलाईन के विस्ता के कट्टर विरोधी हैं, उनका मानना हैं कि इसके विस्तार से पर्यावरण और अधिक दूषित होगा और विकास की आड़ में वनों को और अधिक विनाश किया जाएगा, परंतु प्रधानमंत्री ने उन्हें सांत्वना देते हुए कहा कि इस प्रकार की कोई बात नहीं और वह अपने सभी कार्यों को पारदर्शी होकर जनता के समक्ष रखेंगे जिससे किसी भी प्रकार की कोई भ्रांति न रहे और इसी दुविधा को समाप्त करने के लिए वह यहां आएं और इसके लिए वह प्रमुख आदिवासी जातियों के प्रमुखों से भेंटवार्ता भी करेंगे जिससे इस विषय पर उत्पन्न सभी संशयों को मिटा सके। ज्ञात हो कि एक दिन पूर्व ही प्रधानमंत्री ने वैनकुअर डैवी विलेज में आयोजित वार्षिक प्राईड परेड़ में भाग लिया और वहां सुबह का नाश्ता भी किया, प्रधानमंत्री के साथ विदेश मंत्री क्रिस्टीया फ्रीलैंड भी मौजूद रही जिन्होंने अपने संबोधन में कहा कि उनकी पार्टी एलजीबीटीक्यू समुदाय के उत्थान हेतु सदा प्रयासरत रही हैं और भविष्य में भी रहेगी। उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि अभी भी इस समुदाय के युवा सबसे अधिक बेरोजगार व अपने आवास से वंचित हैं, इस प्रकार के बच्चों को उनके माता-पिता का अधिक सपोर्ट नहीं मिल पा रहा, जिसे समाप्त करना होगा और इसे एक आम सच्चाई के साथ स्वीकार करना होगा तभी उनके विकास के साथ साथ देश का उत्थान भी हो सकेंगा।
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