मिसिसॉगा के कुंदन जोशी के नाम हुआ 2018 आरबीसी उद्यमी पुरस्कार

मिसिसॉगा। इस बात में कोई संदेह नहीं कि मेहनत से सफलता और ख्याति दोनों मिलती हैं जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं कुंदन जोशी। ज्ञात हो कि वर्ष 2007 से पहले शायद ही कुछ लोगों को पता था कि मोबाइल एपस का प्रयोग कैसे होता हैं, या यूं कहें कि उन्हें मोबाइल एपस की इतनी अधिक जानकारी ही नहीं थी। इस तकनीक का अविष्कार तो किया गया, परंतु जटिलता के कारण लोगों को इसके प्रयोग में परेशानी होने लगी थी, जिसका निवारण करने के लिए कुंदन जोशी ने अपनी मेहनत का प्रदर्शन किया और इन एपस के प्रयोग विधि में सुधार की तकनीक अपनाई। टोरंटो स्थित द एप लैब के सीईओ और संस्थापक कुंदन जोशी को आज कौन नहीं जानता जिन्होंने अपने अथक प्रयासों से आज पूरी दुनिया एक मोबाइल फोन में ला दी हैं और मोबाइल एपस को इतना सरल बना दिया कि प्रत्येक व्यक्ति इसका उपयोग बहुत ही आसानी से कर रहा हैं। 38 वर्षीय जोशी ने अपने एक साक्षात्कार में बताया कि जब मैनें इस प्रकार के कार्य को आरंभ किया तो सभी ने मेरा मजाक उड़ाया था और कहा कि इस विषय पर कार्य करना मूर्खता हैं, पहले हमें एक एप को समझने के लिए ही घंटों लग जाते थे, इसे लोगों को समझाना पड़ा और इसकी सरलता की तकनीक को अपनाकर इसे सुगम बनाने से आज यह एप सबके लिए एक सुविधा का साधन बन गए हैं। लगभग 11 वर्ष पहले हमने एक अच्छी शुरुआत की, आज यह द एप लैब के नाम से पूरी दुनिया में प्रख्यात हो गई हैं जिसके टोरंटो, न्यूयॉर्क, हॉन्गकॉन्ग, मेलबर्न और भारत स्थित कार्यालयों में विश्व स्तर के 75 कर्मचारी कार्यरत हैं। श्री जोशी पिछले 18 वर्षों से मिसिसॉगा में रह रहे हैं। गत जून में उन्हें आरबीसी के 25 टॉप प्रवासी कैनेडियन पुरस्कार के लिए चुना गया, इसके अलावा उन्हें आरबीसी के 2018 उद्यमी पुरस्कार के लिए भी नामांकित किया गया। जोशी ने अपने संदेश में कहा कि इस सम्मान के लिए वह दिल से आभारी हैं और उन्हें बहुत अधिक गौरव का अहसास हो रहा हैं, उनका नाम 25 टॉप प्रवासी कैनेडियन में शामिल किया गया हैं, जिसके लिए वह सदैव आभारी रहेंगे। द एप लैब के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि आज यह संस्था अपने विकसित कदमों के साथ आगे बढ़ते हुए 500 से अधिक एपस बना चुकी हैं, जिसने मोबाईल तकनीक तहलका मचाकर रख दिया।
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