आतंकियों तक पहुंच रहे पिस्टल
नई दिल्ली। बिहार के मुंगेर निर्मित पिस्टल दिल्ली, उत्तर प्रदेश आदि रायों के अलावा आतंकी गुटों व नक्सलियों तक भी धड़ल्ले से पहुंचने लगे हैं। पुणे धमाके के आरोप में स्पेशल सेल द्वारा पकड़े गए इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों व राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) द्वारा जम्मू-कश्मीर से पकड़े गए हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों के पास से मुंगेर निर्मित पिस्टल मिलने से पुष्टि हो चुकी है।
स्पेशल पुलिस कमिश्नर स्पेशल सेल एसएन श्रीवास्तव का कहना है कि मुंगेर में अवैध हथियार बनाने का धंधा कुटीर उद्योग की तरह चल रहा है। पुलिस आयुक्त नीरज कुमार के निर्देश पर सेल ने मुंगेर के तस्करों पर अध्ययन किया तो खौफनाक तथ्य सामने आए। पता चला कि मुंगेर के विभिन्न हिस्सों में अवैध हथियार बनाने की 300 से अधिक छोटी-बड़ी फैक्टियां संचालित हो रही हैं। वहां के बिंदवाड़ा, शर्मा टोली, मकसूदपुर, बारा मनिया चौराहा, कासिम बाजार, पुरानीगंज, चुआबाग, दलहट्टा जगहों पर सैकड़ों की संख्या में अवैध मिनी गन फैक्टियां चल रही है। इस धंधे में करीब आठ हजार लोग लगे हुए हैं। वहां के पिस्टल दिल्ली, उप्र, उड़ीसा, मध्य प्रदेश तक तस्करी से पहुंचते हैं।
हथियारों की तस्करी में महिलाओं का भी इस्तेमाल किया जाने लगा है। सेल ने कुछ माह पहले मुंगेर से पिस्टल लाकर सप्लाई करने वाली महिला तस्कर को पकड़ा था। बंदूक बनाने के लिए मशहूर मुंगेर में हथियारों की तस्करी के लिए बचों का भी इस्तेमाल हो रहा है। पिछले पांच सालों में शस्त्र कानून उल्लंघन के 179 मामलों में 57 तस्करी के थे
दिल्ली में मुंगेर निर्मित पिस्टल कई बार मिलने के बाद स्पेशल सेल की टीम जांच करने मुंगेर पहुंची तो उन्हें चौंकाने वाली जानकारी मिली। जांच से पता चला कि जिले में प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत लोन लेकर कई बेरोजगार युवकों ने लेथ व मिलिंग मशीन लगा रखी है। इन मशीनों से अवैध हथियार बनाए जा रहे हैं।
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