केरल में आई भयंकर बाढ़ से चिंतित कैनेडियन्स
बाढ़ में फंसे अपने रिश्तदारों के जीवन यापन के लिए परेशान हो रहे हैं कैनेडा में रह रहे उनके परिजन
टोरंटो। भारत के केरल में आई भयंकर बाढ़ से वहां तबाही मच गई हैं, इससे जहां एक ओर पूरी दुनिया में रह रहे उनके परिजन दु:खी हैं वहीं कैनेडियनस का हाल भी बुरा हैं, प्रत्येक वर्ग के लोग केरल में रह रहे अपने मित्रों व रिश्तेदारों के लिए चिंतित नजर आ रहे हैं। कहा जा रहा हैं कि इस प्रकार की भयंकर बाढ़ केरल में नहीं आई थी, जिसने लगभग पूरे केरल को ही उजाड़ कर रख दिया। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए मिसिसॉगा केरल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रसाद नायर ने बताया कि इस आपदा के बारे में कभी किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था, ज्ञात हो कि पश्चिमी टोरंटो में रहने वाले अधिकतर लोगों को संबंध केरल से हैं, जो इस समाचार से बेहद दु:खी हैं। उन्होंने आगे बताया कि प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बाढ़ से अब तक 300 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई हैं और 3 लाख से अधिक लोग विस्थापित किए जा चुके हैं। नायर केरल से 2003 में कैनेडा आएं थे, उन्होंने बताया कि उनके बचपन का घर पिछले पांच दिनों से पानी में पूर्ण रुप से डूबा हुआ हैं और उनके गांव में पिछले दो दिन से बचाव कार्य चल रहे हैं। इस दु:ख की घड़ी में पूरा कैनेडा केरल के साथ खड़ा हुआ हैं, परंतु वहां की प्रशासनिक अव्यवस्था के कारण भी कैनेडा के निवासियों ने अपनी चिंता व्यक्त की, उनके अनुसार राज्य सरकार उतनी तेजी से स्थिति को नियंत्रित नहीं कर पा रही जितना उन्हें करना चाहिए। अपने ट्विटर संदेश में प्रधानमंत्री ट्रुडो ने कहा कि इस दु:खद घड़ी में पूरा कैनेडा केरल के प्रति संवेदना रखता हैं, और भविष्य में हर संभव मदद के लिए हम सदैव तत्पर हैं। लेकिन वैश्विक मंत्रालय ने अभी फिलहाल किसी भी प्रकार की मदद के लिए कोई घोषणा नहीं की हैं। 20 वर्ष पूर्व केरल से आएं जॉ थोटुंगगई ने कहा कि उन्हें अपने परिजनों के जीवन की बेहद चिंता हैं। उन्होंने 2004 में औटवा में एक रैस्टॉरेंट खोला जिसमें केरलन व्यंजन परोसा जाता हैं, उन्होंने अपने मातृ प्रदेश के लगभग पूर्णत: उजड़ जाने का बहुत अधिक दु:ख हैं। वैसे इस आपदा के लिए वैश्विक मदद आनी प्रारंभ हो गई हैं इसी श्रेणी में अमेरिका में एक भारतीय गैर-लाभकारी संगठन (एनजीओ) सेवा इंटरनेशनल ने बाढ़ग्रस्त केरल में राहत बचाव कार्य में मदद के लिए 10,000 डॉलर एकत्रित किए हैं। केरल में बाढ़ के बाद मची तबाही से आठ अगस्त से अभी तक करीब 200 लोगों की जान जा चुकी है और करीब 3.14 लाख लोगों को विस्थापित किया गया है। दक्षिणी राज्य 100 वर्षों में आई सबसे खतरनाक आपदा का सामना कर रहा है। यहां 80 बांधों को खोल दिया गया है और सभी नदियों में बाढ़ आई हुई है। राज्य में तबाही का मंजर है और कई ढांचे, खडी फसलें और पर्यटक सुविधाएं प्रभावित हुई हैं। संगठन ने अपने एक बयान में कहा कि सेवा इंटरनेशनल अमेरिका ने बाढ़ग्रस्त केरल के लिए 10,000 डॉलर एकत्रित किए हैं,जहां करीब 200 लोगों की जान चली गई है और लाखों लोग बेघर हुए हैं। ह्यूस्टन में करीब एक वर्ष पहले आए तूफान हार्वे के पीड़ितों की मदद और बचाव कार्य के लिए भी सेवा इंटरनेशनल ने अपने भारतीय भागेदार देसिया सेवा भारती केरलम के साथ मिलकर 1,00,000 डॉलर एकत्रित किए थे। सेवा के 5,000 से अधिक स्वयंसेवक भोजन के पैकेट और खाना बनाने की किट भी बांट रहे हैं। वहीं बाढ़ ग्रस्त इलाकों में वे मुफ्त रसोई और चिकित्सा शिविर भी खोल रहे हैं। इस बीच, केरल मूल के ह्यूस्टन निवासी जो ओणम की तैयारियों में जुटे थे उन्होंने सभी समारोह रद्द कर दिए हैं। ह्यूस्टन में करीब 62000 केरल वासी रहते हैं।
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