केंद्र सरकार के नए ईंधन नियमों के विरोध में उतरा अल्बर्टा

अल्बर्टा। केंद्र सरकार और अल्बर्टा के मध्य एक बार फिर से विवाद खड़ा हो गया हैं, इस बार यह विवाद सरकार के नए ईंधन नियमों को लेकर पैदा हुआ हैं। सरकार ने औटवा के प्रस्तावित स्वच्छ ईंधन मानक को लागू करने की घोषणा कर दी हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रीनहाऊस गैस उत्सर्जन की कमी को मापना हैं, और इसके लिए बहुत से उद्योगों पर आर्थिक निष्कर्ष लगाना होगा जिसमें तेल व गैस सेक्टर को भी शामिल किया गया हैं। यदि ऐसा होता हैं तो पैट्रोल, डीजल, प्राकृतिक गैस व अन्य गैसों के दामों में वृद्धि हो जाएगी और इस मंदी के दौर में यह लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ाना होगा। अधिकतर कैनेडियनस का कहना हैं कि स्वच्छ ईंधन मानक (सीएफएस) के बारे में उन्होंने पहले कभी नहीं सुना। इस नियम के लागू होते ही गैसोलीन, डीजल, प्राकृतिक गैस और अन्य ऊर्जा के साधनों के दामों में वृद्धि होगी जिसका सीधा प्रभाव केंद्र के कार्बन टैक्स पर भी पड़ेगा और उसकी बढ़ोत्तरी रुकेगी। सरकारी सूत्रों के अनुसार सीएफएस की उत्पत्ति वर्ष 2016 में पैरीस अनुबंध के दौरान की गई, जिसमें पर्यावरण परिवर्तन को लेकर अंतरराष्ट्रीय मानकों को सुनिश्चित किया गया और अपने अपने देशों में पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर कुछ कठोर कदम उठाने की बात को स्वीकार भी किया गया था। जबकि कार्बन टैक्स का लक्ष्य यह था कि जो व्यक्ति ईंधन का प्रयोग करता हैं उसे सीएफएस के मानकों को पूरा करना होगा, यदि वह ऐसा नहीं कर पाता हैं तो उस पर अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएं जिससे वह भविष्य में इस प्रकार की गलती को न दोहरा सके। क्वीनÓस यूनिवर्सिटी की ऊर्जा व पर्यावरण नीति संस्था के प्रोफेसर वारेन मैडी ने कहा कि इस प्रकार के नियमों को आर्थिक संसाधनों से जोड़ना उचित नहीं इससे लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा क्योंकि उनके बहुत से बिलों में वृद्धि होगी। सरकारी सूत्रों के अनुसार इस नियम को तरल ईंधनों पर वर्ष 2019 में लागू किया जाएगा और गैस आदि उत्पादों के लिए वर्ष 2020 चुना गया हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अभी से इस विषय पर अधिक चर्चा करके इसके महत्व को कम नहीं किया जा सकता, समय पर इसकी स्थितियों पर चर्चा करके इसके बारे में सटीक निर्णय लिया जा सकेगा।
अल्बर्टा की आर्थिक व्यवस्था को खतरा
अल्बर्टा सरकार ने प्रदेश में स्वयं की पर्यावरण परिवर्तन योजना लागू कर रखी हैं, जिसमें उन्होंने कार्बन टैक्स और ऑयलसैंडस उत्सर्जन आदि के लिए मानक सुनिश्चित किए हैं और यदि उसके पश्चात केंद्रीय मानकों को भी लागू कर दिया जाएगा तो यह निम्न आय परिवारों पर बहुत अधिक आर्थिक बोझ होगा, जिससे अल्बर्टा की आर्थिक व्यवस्था चरमराने का खतरा बढ़ जाएगा। इसके लिए नई तकनीक व शोध की आवश्यकता हैं।
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