घरों की ऊंची कीमत किरायेदारों को जीटीए छोड़ने पर कर रही हैं मजबूर
टोरंटो। ताजा सर्वे के अनुसार ग्रेटर टोरंटो क्षेत्र के अधिकतर ईलाकों में लगभग 59 प्रतिशत किरायेदारों का मानना हैं कि मकानों की बढ़ती कीमत उनके अपने घर के सपने को साकार नहीं होने दे रहीं, जिसके कारण उन्हें इस क्षेत्र से जल्द ही जाना पड़ेगा। अन्गस रेड संस्था के ऑनलाईन सर्वे से यह बात स्पष्ट हुई कि अधिकतर जीटीए वासियों को मकानों की बढ़ती कीमत परेशान कर रही हैं। इस कारण वह अपने भविष्य की अपना घर लेने की योजना भी नहीं बना पा रहे। सर्वे के अनुसार 831 जीटीए निवासियों पर किए गए सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ कि जीटीए में मकानों के बढ़ते मूल्यों से यहां रहे नागरिक इसे क्षेत्र को छोड़ने के लिए ‘गंभीरÓ हो रहे हैं और ऐसे प्रांतों को ढूंढ रहे हैं जहां उन्हें कम कीमत में उनके सपनों का घर मिल जाएं। जानकारों के अनुसार पिछले चार वर्षों में इस क्षेत्र के हाऊसींग परियोजना में बहुत अधिक वृद्धि हुई जिसके कारण से जो लोग इस क्षेत्र में अपना स्वयं का घर खरीदने के बारे में सोच रहे थे, वे भविष्य में इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते। इस सर्वे में यह भी कहा गया कि अधिकतर निवासियों का मानना हैं इस क्षेत्र में रियल स्टेट उद्योग में बढ़ती महंगाई को रोकने के लिए सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए। ज्ञात हो कि इस सर्वे में 35 वर्ष से कम आयु के लोगों को शामिल किया गया और उनकी राय के अनुसार यह रिपोर्ट तैयार की गई। इसके अनुसार इस सर्वे में 55 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की तिमाही को भी शामिल किया गया, जिससे आधुनिकता के साथ साथ अनुभव की भी राय ली जा सके। निवासियों ने बताया कि विदेशी गृहस्वामियों से भूमिकर वसूला जाता हैं जोकि खाली घर पर भी लिया जाता हैं, जिसे बंद करना होगा और इस कर के बंद होने से बहुत से क्रयदाता और अधिक बढ़ जाएंगे। सर्वे निरीक्षकों के अनुसार सरकार को जल्द ही इस क्षेत्र में बढ़ा कदम उठाना होगा, वर्तमान सरकार इस समस्या के उपाय में असफल प्रतीत हो रही हैं, जिसके कारण उन्हें भारी हानि भी उठानी पड़ सकती हैं। इस सर्वे को मारु वोईस ऑफ कैनेडा के सदस्यों ने 831 जीटीए परिवारों पर किया, जिसे उन्होंने गत 25 मई से 5 जून के अंतर्गत एकत्र किया और पूर्ण निष्कर्ष के पश्चात इसे सार्वजनिक किया।
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