2007 हैदराबाद बम ब्लास्टः दो दोषी, दो आरोपी बरी
गोकुल चाट और लुंबिनी पार्क में 25 अगस्त 2007 को हुए दोहरे बम धमाकों में 42 लोगों की जान चली गई थी और करीब 50 लोग घायल हो गए थे. सात अगस्त को बहस पूरी होने के बाद सत्र न्यायाधीश टी श्रीनिवास राव ने मामले में फैसला आज सुनाया जाना तय किया था. तेलंगाना पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस शाखा ने मामले की जांच की और आरोपियों के खिलाफ तीन आरोप-पत्र दाखिल किए. आरोपियों में से कुछ फरार हैं. अगस्त 2013 में मेट्रोपोलिटन सत्र न्यायाधीश की अदालत ने इंडियन मुजाहिदीन के कथित आतंकवादियों – अनीक शफीक सैयद, मोहम्मद सादिक, अकबर इस्माइल चौधरी और अंसार अहमद बादशाह शेख के खिलाफ आरोप तय किए थे. दोहरे विस्फोट और दिलसुखनगर इलाके में फुट ओवरब्रिज के नीचे से एक बम मिलने के संबंध में आरोपियों पर भादंसं की धारा 302 (हत्या) और अन्य संबंधित धाराओं तथा विस्फोटक सामग्री अधिनियम की धाराओं के तहत आरोप तय किए गए हैं. इंडियन मुजाहिदीन के कथित आतंकवादियों को महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते ने अक्तूबर 2008 में गिरफ्तार किया था और बाद में गुजरात पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था. पूरे मुकदमे के दौरान करीब 170 प्रत्यक्षदर्शियों से सवाल-जवाब किए गए. प्रसिद्ध भोजनालय गोकुल चाट के पास हुए विस्फोट में 32 लोगों की जान चली गई थी. वहीं राज्य सचिवालय से सटे लुंबिनी पार्क के खुले थिएटर में हुए विस्फोट में 10 लोग मारे गए थे.
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