टोरंटो चुनाव में शामिल होंगे केवल 25 वार्ड

तीन जजों के पैनल ने दिया फैसला चुनावों को टालना लोकहित में नहीं, इसलिए आगामी अक्टूबर में 47 वार्डों के स्थान पर होगें केवल 25 वार्डों पर हो मतदान
फैसले के पश्चात फोर्ड ने कहा कि सुधार के कार्यों में कुछ बाधाएं और समस्याएं अवश्य होती हैं, परंतु अंत में विकास के परिणामों से ये सभी समस्याएं हल हो जाती हैं। 
टोरंटो। टोरंटो पार्षद-कटौती बिल पर चला आ रहा विवाद अंत में कटौती के निर्णय के साथ ही समाप्त हो गया, गत बुधवार को तीन जजों के पैनल ने पुराने कोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए अपना नया निर्णय सुनाते हुए बिल 5 पर सरकार को स्टे दे दिया, इस स्टे के साथ ही यह बात सुनिश्चित हो गई कि प्रांत की जनता अब केवल 25 वार्डों के लिए ही अपना मतदान डालेगी। परंतु जानकारों के अनुसार इस बात पर ‘संदेह’ व्यक्त किया जा रहा हैं कि जब निम्र अदालत द्वारा कटौती के निर्णय को असंवैधानिक बताया गया तो इस बिल पर स्टे कैसे दे दिया गया? कोर्ट में अपील की गई थी कि प्रोगरेसीव कंजरवेटिव की सरकार इस बिल में संशोधन करके इसे पुन: विधानसभा में पेश करेगी, उसके पश्चात ही इस पर कोई भी निर्णय लिया जाएगा। कोर्ट के फैसले के पश्चात डाग फोर्ड ने पत्रकारों को बताया कि अंत में सच्चाई की जीत हुई और उन्हें इस फैसले से बहुत अधिक राहत मिली हैं, उन्हें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि उनकी सुधारात्मक नीतियां अवश्य ही रंग लाईगी और ओंटेरियो विकास की नई कहानी लिखेगा, उन्होंने आगे कहा कि सुधार के कार्यों में कुछ बाधाएं और समस्याएं अवश्य होती हैं, परंतु अंत में विकास के परिणामों से ये सभी समस्याएं हल हो जाती हैं। उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि उन्हें आशा हैं कि जिस प्रकार उन्हें पार्षद-कटौती बिल के निर्णय में जीत मिली हैं, उसी प्रकार वह नाफ्टा वार्ता में भी सकारात्मक जवाब लेकर वापस लौटेगें, उन्होंने अपनी वाशिंगटन यात्रा के लिए कहा कि वह किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए इस डील में हस्तक्षेप कर रहे हैं, जिससे यह मसला जल्द ही सुलझ जाएं और महीनों से नुकसान हो रहे कृषि क्षेत्र को राहत की सांस मिले। ज्ञात हो कि पैनल ने अपना निर्णय सुनाते हुए कहा कि केवल कटौती बिल में संशोधन के लिए चुनावों को आगे बढ़ाना लोक हित में नहीं और इससे जनता का धन बहुत अधिक खर्च होगा, इसलिए मौजूदा स्थितियों को देखते हुए विधानसभा द्वारा इसे पारित करके इसके संदेहों को मिटाना होगा और इसे लागू करना ही उचित निर्णय होगा। कोर्ट के नए फैसले के पश्चात मेयर जॉन टोरी ने अपने संबोधन में कहा कि मैं हमेशा से इस बिल के विपक्ष में था और आगे भी रहूंगा, परंतु कोर्ट के निर्णय के आगे सब विवश हैं, सरकार इस प्रकार चुनावों के मध्य अपना संशोधित बिल लाने का कोई मतलब ही नहीं बनता, इन चुनावों में यदि बहुत अधिक संशय और अफरा-तफरी हो जाएं, तो कोई बड़ी बात नहीं, क्योंकि लोगों को इस फैसले ने बहुत अधिक भ्रमित कर दिया हैं। सरकार केवल अपने निजी लाभ के लिए इस प्रकार के निर्णय में रुचि दिखा रही हैं, जोकि प्रांत के भविष्य के लिए हितकर नहीं इसका विरोध होना चाहिए।
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