छोटे पोट उत्पादक लाईसेंस हेतु करेंगे विरोध प्रदर्शन

– सूत्रों के अनुसार छोटे पोट उत्पादक माईक्रोकल्टीवेशन लाईसेंस के लिए सड़के जाम करके जताएंगे अपना विरोध
औटवा। येन बोईसानेयोल्ट ने अपनी दो वर्ष पूर्व कहानी बताते हुए कहा कि यदि उस समय उन्हें पोट उपचार नहीं मिलता तो आज उनकी बेटी जिंदा नहीं बचती, उन्होंने बताया कि उस समय एक दिन अचानक उनकी बेटी ने सांस लेना बंद कर दिया, जिससे आपात स्थिति में उनके दोस्त जेम्स गालाघेर ने 911 में फोन किया और तभी वहां कुछ लोगों ने आकर उनकी बेटी को संभाला और उसका उपचार कर उसका जीवन बचाया गया, ज्ञात हो कि उस समय उसे कोई भी दवाई का असर नहीं हो पा रहा था तभी उसे मारुआना निर्मित उपचार दिया गया जिससे वह सामान्य हो गई। दो वर्ष पूर्व की यह घटना बताती हैं कि देश में छोटे उत्पादकों से भी निवासियों के उपचार में सहायता मिलती हैं और समय-समय पर इनसे मिलने वाली मदद से कई लोगों को राहत मिल जाती हैं। बोईसानेयोल्ट ने बताया कि उन्हें अपनी बेटी के लिए अपने घर में ही कुछ मात्रा में ताजा पोट उगाना पड़ता हैं जिसके लिए माईक्रोकल्टीवेशन लाईसेंस मिलना बहुत आवश्यक हैं। इसी प्रकार देश के कई परिवार ऐसे हैं जिन्हें इसकी आवश्यकता बहुत कम मात्रा में हैं परंतु वह इसे हर बार खरीदने के पक्ष में नहीं हैं बल्कि अपने घर में ही इसका सूक्ष्म उत्पाद करके इसके प्रयोग के लिए रजामंद हैं। सरकार से यहीं प्रार्थना की जा रही हैं कि मेरी बेटी की हंसी बनाए रखने के लिए और इन जैसे हजारों बच्चों को सुरक्षित भविष्य देने के लिए सरकार को इस लाईसेंस के लिए रजामंदी देनी होगी। छोटे उत्पादकों ने बताया कि केंद्र सरकार ने नगरपालिकाओं को इसकी पूर्णत: जानकारी नहीं उपलब्ध करवा रखी हैं जिसके कारण वे इस प्रकार से लाईसेंस जारी करने में विलंभ कर रहे हैं, ज्ञात हो कि इसके लिए गत 17 अक्टूबर को ही एक अपील डाली गई थी, परंतु तब यह अपील यह कहकर टाल दी गई कि अब बहुत अधिक देरी हो गई हैं और इसे जारी नहीं किया जा सकता। फिलहाल इसके लिए अभी 200 वर्ग मीटर के उप्पादकों को अनुमति प्रदान की गई हैं, जिसके लिए वर्ष में उन्हें 3 मिलीयन डॉलर का राजस्व प्राप्त होगा।
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