2019 में यदि ट्रुडो जीते तो बढ़ेगा कार्बन टैक्स : एंड्रू शीर

रेगीना। कंजरवेटिव प्रमुख  एंड्रू शीर ने 2019 के स्वागत भाषण में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि कैनेडियनस इस बार भी जस्टीन ट्रुडो को प्रधानमंत्री के रुप में चुनते है तो वे अत्यधिक कार्बन टैक्स देने के लिए तैयार रहें। ज्ञात हो कि एंड्रू रेगीना में जाइंट टाईगर स्टोर में नववर्ष के मौके पर जनता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार प्रारंभ से ही जलवायु परिवर्तन के नाम पर कार्बन टैक्स वसूलने की नीति पर जोर दे रही हैं जिसके नाम पर वह अत्यधिक रुप से राजस्व प्राप्त कर सके, इसके लिए कैनेडा के कई प्रांतों ने इसके विरोध में अपनी आवाज भी उठाई , जिसके अंतर्गत औटवा ने 20 डॉलर प्रति टन और वर्ष 2022 तक 10 डॉलर वार्षिक बढ़ोत्तरी का प्रावधान रखा गया हैं जबकि शीर ने बताया कि केंद्र सरकार ने इसके विपरित अपनी नई कार्बन योजना के अंतर्गत 300 डॉलर प्रति टन कार्बन टैक्स लेने का प्रावधान हैं जिससे कार्बन उर्त्सजन को कम करने में अधिक सहयोग मिल सकेगा। शीर ने जानकारों की राय के अनुरुप कहा कि इतना अधिक कार्बन टैक्स को प्रभावित करने के लिए जलवायु परिवर्तन के जानकार भी इसके समर्थन में नहीं और वे भी यहीं मानते हैं कि इसके लिए और अधिक कम का प्रावधान हो सकता हैं। सरकार द्वारा प्रति लीटर गैस के मूल्यों में भी ईजाफा करने की योजना जल्द ही साकार होने वाली हैं इसके अंतर्गत प्रति लीटर 60 सेंट बढ़ाने पर विचार किया जा रहा हैं और जिससे प्रति परिवार के बजट में लगभग 1000 डॉलर प्रति वर्ष अतिरिक्त ईंधन का मूल्य देना होगा। एंड्रू ने पत्रकारों को बताया कि कंजरवेटिवस ने भी अपनी पृथक वैश्विक उत्सर्जन योजना तैयार की हैं, जिसके अंतर्गत सबसे पहले देश में महंगे करों की अपेक्षा स्वच्छ तकनीक व क्लीन एनर्जी का प्रावधान करना होगा, क्योंकि देश में आधुनिक रोजगार के लिए पूरे देश का वातावरण भी स्वच्छ रखना होगा जिससे वैश्विक उच्च आधुनिक सोच के लोग यहां आकर बस सके और अनुकूल वातावरण व पर्यावरण के कारण यहीं स्थाई रुप से प्रवास करें। ट्रुडो के बारे में बताते हुए शीर ने कहा कि औटवा ने अपने स्थानीय नागरिकों से प्राप्त कार्बन करों की 90 प्रतिशत राशि उन्हें लौटा दी हैं, जबकि सासकेतचवान ने कोर्ट से अपील की हैं उनके नागरिकों से इस प्रकार का कोई भी कर अधिक मात्रा में नहीं लिया जाएं क्योंकि इस प्रकार से कार्बन कर लेना असंवैधानिक होगा। भविष्य में देश के कई अन्य प्रांत भी इस विरोध में केंद्र सरकार के प्रति अपनी आवाज उठा सकते हैं जिसमें ओंटेरियो और न्यू ब्रुन्सविक आदि प्रमुख हैं। शीर ने आगे कहा कि इस प्रकार के विरोधों से यह प्रतीत होता हैं कि आगामी दिनों में लिबरल की ख्याति व कार्यों में गिरावट आएंगी और देशवासी उन्हें अगले प्रधानमंत्री के रुप में नहीं पसंद करेंगे।
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