ट्रम्प के राष्ट्रपति बनते ही प्रारंभ हो गई थी कैनेडा की नाफ्टा समस्याएं

– आतंरिक प्रपत्रों के अनुसार अगस्त 2016 से ही सरकार ‘प्लान बी के चयन को शामिल करने के लिए प्रयासरत थी परंतु सफल नहीं हो पा रही थी
टोरंटो। अमेरिकी राजनीति में वर्ष 2016 के पश्चात से लगातार बदलाव आते जा रहे हैं। जिसका सबसे बुरा प्रभाव कैनेडा की नाफ्टा डील पर पड़ा, प्रपत्रों के अनुसार डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनते ही सरकार ने इसके प्लान बी के अपनाने की कवायद प्रारंभ हो गई थी। ट्रम्प ने सत्ता संभालते ही दोनों देशों को प्रभावित करने वाली डील पर कार्य करना प्रारंभ कर दिया था, उन्होंने नाफ्टा डील के पुन: गठन को लेकर नई योजनाएं बनानी चालू कर दी थी।  ट्रम्प द्वारा नाफ्टा को अधिक सुविधाजनक व लचीला बनाने के चक्कर में इसके ऊपर बहुत बुरा प्रभाव डाला, दोनों देशों की व्यापारिक नीतियां इससे बहुत प्रभावित हुई, कई व्यापारिक शाखाएं बंद होने की कगार पर पहुंच गई, जिसका मुख्य कारण इसमें अत्यधिक देरी बताया जा रहा हैं। ट्रम्प के बयानों से इस डील को और अधिक प्रभावित किया, ट्रम्प ने अपने संदेश में कहा था कि नाफ्टा कई मामलों में बहुत पीछे हैं और इसमें कई सुधार करने की आवश्यकता हैं जिसके पश्चात ही इसे लागू किया जा सकता हैं। परंतु लगभग एक वर्ष बीत जाने के पश्चात भी इस पर कोई राय नहीं बन सकी और इसमें शामिल मैक्सिको को भी रजामंद नहीं किया जा सका, जिससे इसमें शामिल तीनों देशों को अत्यधिक व्यापारिक घाटे का सामना करना पड़ा। ज्ञात हो कि नाफ्टा डील इससे पूर्व कैनेडा-युनाईटेड स्टेटस फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के नाम से विख्यात थी, जिसमें बदलाव के पश्चात इसे नाफ्टा का नाम दिया गया। वर्ष 1987 में इस डील के लिए वर्ल्ड ट्रेड मानकों को पुन: व्यवस्थित किया गया था। जिसमें शामिल सभी देशों को होने वाले लाभों को ध्यान में रखकर इसके बदलाव को शामिल किया गया था। जिसमें समय-समय पर बदलाव किया गया।
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