लगातार इस्तीफों से औटवा में ट्रुडो की स्थिति हुई अस्थिर
एसएनसी – लेवलीन मामले पर दूसरे कैबीनेट मंत्री के इस्तीफे से आगामी चुनावों में पार्टी पर पड़ सकता हैं प्रभाव
औटवा। प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो की समस्याएं कम होने के स्थान पर बढ़ती नजर आ रही हैं, एसएनसी-लेवलीन जांच उनके लिए बहुत अधिक मंहगी साबित हो सकती हैं, इस बात का प्रमाण तब मिला जब लिबरलस के दूसरे केंद्रीय मंत्री ने भी सरकार के प्रति अविश्वास जगाते हुए अपना इस्तीफा सौंप दिया। परिस्थिति की गंभीरता को जानते हुए प्रधानमंत्री ने अपनी सभी वर्तमान कार्यक्रमों को रद्द कर दिया और इस समस्या के हल हेतु एक आपात बैठक बुलवाई हैं, केंद्रीय मंत्रियों के इस्तीफे से वह बहुत अधिक आश्चर्य जता रहे हैं, उन्होंने कहा कि इस मामले को आपसी बातचीत से भी सुलझाया जा सकता था, परंतु ट्रेजरी बोर्ड के अध्यक्ष फिलपॉट के इस्तीफे ने मामले को और अधिक गंभीर बना दिया, उन्होंने स्पष्ट कहा कि वह अब और अधिक सरकार पर विश्वास नहीं रख सकती और अधिक दबाव न सहन करने के कारण उन्हें पार्टी से इस्तीफा देना पड़ रहा हैं। ज्ञात हो कि लगभग एक माह पूर्व ही पार्टी की अटॉर्नी जनरल जॉडी विलसन-रेबॉल्ड ने भी कुछ इस प्रकार के कारणों से ही पार्टी को छोड़ दिया था, जिसके पश्चात उन्होंने अपना स्पष्ट कारण बताने के लिए आयोजित प्रैस वार्ता में पीएमओं के दो वरिष्ठ अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन पर जांच के लिए हस्तक्षेप का दबाव बनाया जा रहा था, जिसे वह बर्दाश्त नहीं कर सकी और इसलिए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह से एनएससी-लेवलीन की जांच के कारण उत्पन्न विवादों की समीक्षा के आदेश पीएमओ द्वारा जारी कर दिए गए हैं, ज्ञात हो कि केंद्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दल को इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं, जिससे यह पता लगाया जा सके कि इसमें त्रुटि सरकार की है या ये सब मिथ्या आरोप लगाए जा रहे हैं। आंतरिक सूत्रों के अनुसार सूचना अधिनियम के अंतर्गत यह समीक्षा की जाएंगी और इसके लिए एक विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाई जाएंगी। ज्ञात हो कि पीएमओ सीधे तौर पर लोक सेवा व प्रापण कैनेडा से इस बारे में परामर्श कर चुका हैं यह वार्ता 2017 में की गई। इसके लिए पूर्व परिवर्तनों और वित्तीय घोटालों की जांच को शामिल किया गया था। प्रधानमंत्री ने अपनी रेगीना यात्रा को भी स्थगित करके आपात बैठक में हिस्सा लेने की घोषणा की हैं, जिससे पार्टी के अन्य मंत्रियों के साथ इस मसले पर गहन बातचीत की जा सके और इसका हल सुनिश्चित किया जाएं, इसके अलावा इन इस्तीफों का मूल कारण भी पता लगाया जा सके।
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