एसएनसी-लेवलीन समस्या के समाधान हेतु गरल्ड बट्स देगें पीएमओं का स्पष्टीकरण

औटवा। वर्तमान स्थितियों को देखते हुए रक्षा सौदों में राजनैतिक हस्तक्षेप के आरोपों का खंडन करने के लिए लिबरल सरकार ने इस मुद्दे पर प्रमाण प्रस्तुत किए, मौजूदा समस्या के समाधान हेतु गरल्ड बट्स हाऊस ऑफ कोमनस न्यायिक कमेटी के सामने बोले और कहा कि पीएमओ कतई भी इस आरोप में शामिल नहीं हैं और भूतपूर्व अटॉर्नी जनरल द्वारा गलत आरोप लगाए गए हैं। जिसके लिए वे किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। बट्स ने विलसन-रेबॉल्ड द्वारा मुख्य आरोपी के रुप में बताए गए प्रमुख अधिकारी माईकल वरनिक और उप न्यायिक मंत्री नेथाली द्रोउन का बचाव करते हुए कहा कि विलसन-रेबॉल्ड के आरोप मिथ्या हैं। विलसन द्वारा इस प्रकार सीधे तौर पर प्रधानमंत्री पर आरोप लगाना अनुचित हैं जिसके आधार पर कोई भी निर्णय लेना गलत होगा। ज्ञात हो कि दो सप्ताह पूर्व विलसन-रेबॉल्ड ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और जिसका प्रमुख कारण बताया था कि वह पीएमओ के दबाव में आकर कोई भी गलत कार्य में साथ नहीं दे सकती इसलिए वह अपना पद छोड़ रही हैं। उसके कुछ दिनों पश्चात ही लिबरल की कैबीनेट से एक अन्य मंत्री ने भी अपना इस्तीफा सरकार पर विश्वास नहीं रख पाने को कारण बताते हुए दिया। बट्स ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार ने इस विषय में कोई घोटाला ही किया होता तो इसकी जांच के लिए कमेटी ही क्यों बिठाता और यदि विलसन-रेबॉल्ड को इस संबंध में कोई आपत्ति थी तो इसकी नियुक्ति के समय ही क्यों नहीं कहा, इन सभी संशयों की जांच के पश्चात ही कोई निर्णय सार्वजनिक करना उचित होगा अन्यथा ये मामला और अधिक पेचीदा हो सकता हैं। गौरतलब है कि विलसन को एक माह पूर्व ही एक और पद के लिए नियुक्त किया था, परंतु उसे भी उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि वह और अधिक दबाव में कार्य नहीं कर सकती। वहीं दूसरी ओर विलसन-रेबॉल्ड के बयानों ने विपक्षी पार्टियों को बड़ा राजनैतिक मुद्दा दे दिया हैं जिसके कारण वे सत्तापक्ष पर हावी हो सकते हैं, जहां एक ओर पीसी पार्टी प्रमुख का कहना हैं कि प्रधानमंत्री इन आरोपों के पश्चात नैतिक रुप से देश में शासन करने योग्य नहीं रहे और उन्हें स्वत: ही अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, तो एनडीपी प्रमुख जगमीत ंिसंह ने कहा कि वह प्रारंभ से ही कहते थे कि लिबरल सरकार घोटालों की सरकार हैं और वे शुरु से ही जनता को मिथ्या वचनों से ठग रही हैं। कैनेडियन राजनीति में भारी उथल-पुथल के कारण आगामी दिनों में और अधिक धमाकेदार समाचार मिल सकते हैं, जिसके कारण स्थानीय लोगों को प्रत्येक मिनट यहीं प्रतीत हो रहा हैं कि अब आगे क्या होगा?
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