लिबरल्स अपने प्रस्तावित बजट पर चाहती हैं कानून बनाना

– केंद्र सरकार ने पिछले महीने बजट में पारित किए अनेक गरीबों के उत्थान कार्यक्रम, सरकार अब विधानसभा में एक ऐसा विधेयक पारित करवाना चाहती है जिससे आगामी चुनावों में यदि कोई नई सरकार आती हैं तो उनके प्रस्तावों को समाप्त करके अपनी योजनाओं को नहीं थोप सके। 
औटवा। केंद्र सरकार अपने बहुप्रयोजन बजटीय योजनाओं को बचाने के लिए एक नया कानून पारित करने की कवायद आरंभ कर रही हैं, बजट बिल को इस प्रकार सेट किया जाएगा जिसमें सरकार द्वारा आरंभ योजनाओं में कोई भारी फेर-बदल की संभावना नहीं हो, सरकारी सूत्रों के अनुसार किसी भी दीर्घ कालीन योजनाओं में लाखों डॉलर के निवेश के पश्चात यदि कोई नई सरकार आती हैं तो वह उसमें परिवर्तन करके न केवल उसे देर करवाती हैं बल्कि उसमें फेर-बदलकर अपना वर्चस्व बढ़ाने का भी प्रयास करती हैं। ज्ञात  हो कि लगभग 10 वर्ष पहले बेघर लोगों के लिए आरंभ की गई योजना का अभी तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका हैं, इस योजना में 40 बिलीयन डॉलर से अधिक धन खर्च किया जा चुका हैं, परंतु अत्यधिक विलंभ व कई बदलावों के कारण यह योजना अभी तक पूर्ण नहीं हो पाई हैं। सामाजिक विकास मंत्री जीन – व्यास – डकलॉस के अनुसार मंत्रियों द्वारा समय – समय पर रिप्लाई और एक्ट की रणनीति अपनाने से विपक्षी द्वारा तैयार कोई भी योजना समय पर पूर्ण नहीं हो पाती। इसके बावजूद यदि राईट टू हाऊसींग जैसे कानून पारित हो तो योजना को उसके अनुसार जल्द से जल्द पूरा कर दिया जाएगा और लोगों को इसका लाभ मिलना आरंभ हो जाएगा। कोई भी सरकार धर्म, नीतियों या लिंग निर्धारण आदि के प्रभाव में आकर इसे अधूरा रखने का जोखिम नहीं उठाएंगी।
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