प्रधानमंत्री केवल अपनी इच्छा से किसी को नहीं कर सकते निष्कासित : फिलपॉट
औटवा। प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो पर टिप्पणी करते हुए पूर्व कैबीनेट मंत्री जाने फिलपॉट ने सवालिया निशान उठाएं, उनके अनुसार किसी भी दल से केवल प्रधानमंत्री की इच्छा से किसी कैबीनेट मंत्री को निष्कासित नहीं किया जा सकता, यद्यपि उसकी कोई भी गलती प्रमाणित नहीं हुई हो। ज्ञात हो कि पिछले दिनों एसएनसी-लेवलिन विवाद को हल करने के लिए जॉडी विलसन-रेबॉल्ड और स्वयं जाने फिलपॉट ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था, जिसके पश्चात मामला ठंडा पड़ने के पश्चात फिलपॉट ने पुन: लिबरल पार्टी में आने की इच्छा जताई, परंतु इस विषय पर प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रुप से उन दोनों को पार्टी से निष्कासित कर दिया। इस निष्कासन को फिलपॉट ने पूर्ण रुप से केंद्रीय कानून का उल्लंघन बताया, उन्होंने आगे कहा कि लिबरलस उनके 2015 के कार्यों को भूल गए परंतु कंजरवेटिवस सांसद माईकल चोन्ग के साथ घटित हुई घटना के पश्चात जैसे उन्हें पार्टी में दोबारा बुलाया गया और संसदीय विधानों में परिवर्तन किया गया वैसे ही नियम उनके साथ लागू करने चाहिए। फिलपॉट ने आगे कहा कि इस प्रकार से किसी भी सांसद को पार्टी से निष्कासित करना एक संवैधानिक मुद्दा हैं, जिसे उचित प्रकार से संसद में कार्यन्वित करना चाहिए। सूत्रों के अनुसार जल्द ही ट्रुडो के विरोध में फिलपॉट संसद में शिकायत कर सकती हैं।
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