फिर उठी न्याय प्रणाली में बदलाव की बात
– टोरी स्टैफॉर्ड की अपहरण को पूर्ण हुए 10 वर्ष, वर्षगांठ के मौके पर आयोजित सभा में पीड़ितों ने पुन: न्याय प्रणाली व सुधारक नियमों में परिवर्तन पर उठाएं सवाल कहा अपराधियों के मन में नहीं रहा डर।
औटवा। सूत्रों के अनुसार आज से दस वर्ष पूर्व 8 अप्रैल, 2009 को ओंटेरियों से एक 8 वर्षीय बच्ची का अपहरण हो गया था, जिसके कुछ दिनों पश्चात उस लड़की की लाश बहुत ही बुरी अवस्था में सड़क के किनारें मिली, जिसे प्रमाण हेतु अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। ऐसी घटनाओं से प्रांत की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवालिया निशान खड़े हो जाते हैं। पिछले दस वर्षों से पूरे देश में हजारों अव्यस्क लड़कियों को अपहरण हो गया हैं और कुछ दिन पश्चात उनके साथ बलात्कार करके उन्हें जंगलों में छोड़ दिया जाता हैं। इन मामलों में आरोपियों तक पहुंच के जल्द न पहुंच पाने के कारण पीड़ित परिवारों ने इस प्रकार विरोध प्रदर्शन करके अपना गुस्सा दिखाया हैं। जल्द ही इस मामले की गहन जांच आरंभ की जाएंगी और आरोपियों को कठोर से कठोर कारावास दिया जाएंगा। इस प्रदर्शन के दौरान यह भी बताया गया कि इन घटनाओं के प्रमुख आरोपी जो गिरफ्तार भी किए गए उन्हें कई बार जेलों में स्थानातंरण किया जा चुका हैं, जिससे इन केसों को बहुत अधिक दुबर्लता मिल रही हैं, जिसके लिए हमें स्थिर होना चाहिए। मासूम बच्ची के पिता स्टैफॉर्ड ने कहा कि यह लड़ाई केवल मेरी नहीं बल्कि पूरे देश की हैं, प्रत्येक लड़की का पिता अपनी पुत्री को सुरक्षित रखना चाहता हैं और इसके लिए वह हरसंभव प्रयास भी करता हैं, परंतु जब उन्हें यह लगता हैं कि बलात्कार का आरोपी मुक्त होकर जीवन का आनंद ले रहा हैं तो मन बहुत अधिक दु:खी होता हैं, ऐसे आरोपियों के केस को तुरंत हल करने के लिए कानून भी पारित हैं। लेकिन इसमें और अधिक कार्य करने की आवश्यकता हैं तभी इसका लाभ पूरे देश की युवा लड़कियों को मिल सकेगा। सुरक्षित समाज बनाने की कवायद सभी की होनी चाहिए, तभी इसके शुभ परिणाम सभी को मिलेगें अन्यथा देश के सभी नागरिक असुरक्षा का जीवन यापन कर रहे हैं।
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