जनरल जूली पैयट पहुंची रवांडा

– दक्षिणी अफ्रीकी सिटी में हुए भीषण नरसंहार की 25वीं वर्षगांठ पर श्रद्धांजलि देने पहुंची जूली पैयट
कीगाली, रवांडा। सूत्रों के अनुसार आज से 25 वर्ष पहले दक्षिण अफ्रीका में प्रारंभ हुई जातीय हिंसा में अब तक  800,000 से अधिक लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया हैं। जूली पैयट यहां होने वाले चार दिवसीय कीगाली जैनॉसाईट मैमोरियल में कैनेडा की ओर से भाग लेने पहुंची, बताया जाता हैं कि यह क्षेत्र सबसे अधिक जातीय हिंसा से पीड़ित हैं जहां 250,000 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। सूत्रों के अनुसार इस हिंसा का सबसे अधिक शिकार तुतसी अल्पसंख्यक हुए, ज्ञात हो कि 6 अप्रैल, 1994 को इस जाति के बहुत से लोग अध्यक्ष जुवेनल हैबयारीमाना के साथ एक विमान दुर्घटना के शिकार हो गए थे, इस जाति के लोग रवांडा में बहुत अधिक थे परंतु हुटु जाति के साथ इनका गृह युद्ध हमेशा चलता रहता हैं। तुतसी जाति का आरोप था कि इस विमान दुर्घटना के पीछे भी हुटु जाति का हाथ हैं, जिसमें तुतसी का समर्थन करने वाले कई सैनिक, पुलिस व मिलीटेन्टस की मृत्यु हो गई थी। पैयट ने अपने ट्विटर संदेश में लिखा कि कैनेडा सदैव ही रवांडा में शांति बनाए रखने के लिए अपने शांतिदूत भेजता रहता हैं। परंतु इस प्रकार की मानवीय हानि का विरोध भी करता हैं। अशांति फैलाने वाले कारणों को समाप्त करने के लिए कैनेडा पिछले कई वर्षों से कार्य कर रहा हैं। कैनेडा के इतिहास में यह बेहद ही दु:खद घटना थी जब जातिय हिंसा के नाम पर इतने अधिक लोगों की जान ले ली गई थी। प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ने भी अपने संदेश में कहा कि हम हमेशा उन लोगों का सम्मान करते है जो हिंसा को समाप्त करने के लिए अपनी आवाज उठाते हैं, मॉन्ट्रीयल में सिटी द्वारा लाईब्रेरी में इस जाति हिंसा के विरोध में एक सभा का आयोजन किया गया जिसमें सभी ने इस प्रकार की हिंसा पुन: न हो ज्ञात हो कि 5000 रवांडियनस क्यूबेक में और 3000 रवांडियनस मॉन्ट्रीयल में रहते हैं।
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