टोरंटो के वार्षिक अनुदान में कटौती करेगा ओंटेरियो
– कटौती के विरोध में मेयर जॉन टोरी ने उठाए बगावती स्वर
टोरंटो। सूत्रों के अनुसार बजट के पश्चात मानो कटौतियों का युग ही आ गया, सरकार ने शिक्षा से लेकर नौसेना अदि सभी विभागों में कटौतियां की, ज्ञात हो कि वर्ष 2019 के बजट में पहले से ही 100 मिलीयन डॉलर के साथ इस विभाग को उत्तम बनाने की घोषणा की गई। मेयर जॉन टोरी ने इस कटौती का पुरजोर विरोध किया हैं, जिसके अंतर्गत उनका मानना है कि इस प्रकार पर्यटन क्षेत्र में कटौती से इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा और अधिक विदेशी प्रचार नहीं होने के कारण करोड़ों के वर्ग मीटर वाले उद्योग को नुकसान पहुंच सकता हैं। इस सभा में उपस्थित गुलेफ के मेयर कैम गुथरी ने कहा कि इस कटौती का सबसे बुरा प्रभाव शहरी पर्यटन पर पड़ेगा, यहां भ्रमण स्थलों पर अधिक छूट थी, जिसे समाप्त करने से यहां आने वालों की संख्या में बहुत अधिक कमी हो सकती हैं। टोरी ने बताया कि यदि पर्यटन अनुदान को समाप्त कर दिया गया तो इससे पर्यटन उद्योग बंद होने की कगार पर पहुंच सकता हैं।
पर्यटन टोरंटो को मिलने वाली सुविधाओं में कटौती :
टोरी और फोर्ड के मध्य एक बार फिर वाक युद्ध छिड़ गया हैं जहां प्रांत के प्रीमिकर का मानना हैं कि इस कटौती से हम अगले दस वर्षों में 1 बिलीयन डॉलर का बचत कर सकते हैं और न ही जिन ईलाकों में फूलों की पैदावार अच्छी हुई हैं उन क्षेत्रों का विकास करके उसे पर्यटन का एक उत्तम स्थान बनाना चाहिए। परंतु टोरी का मानना है कि इस बारे में उचित रुप से प्रबंधन ही कार्य को बल, सुव्यवस्थित कर देगा। ज्ञात हो कि पिछले दिनों प्रांत ने बाल कल्याण कार्यों में भी फंडींग कटस की घोषणा की और उसके पश्चात अब नई परिवहन प्रणाली के लिए अन्य कटौतियों को इसमें शामिल करना अनुचित होगा।
कटौतियों पर अभी भी कुछ सवालों के जवाब देने में अटके सिटी कर्मचारी :
टोरी ने बताया कि उनके कर्मचारी अभी तक पत्रकारों को इस बारे में उचित जवाब नहीं दे सके, जिसका प्रभुख कारण उन्हें स्वयं इस बारे में पूर्ण जानकारी न होना बताया जा रहा हैं। सरकार ने पर्यटन के नाम पर अपने बजट में 100 मिलीयन डॉलर के निवेश का जिक्र किया परंतु यह धन कहां से आएंगा इस बारे में कोई भी उचित जानकारी नहीं दी हैं, ज्ञात हो कि सरकार इससे पहले स्वास्थ्य सुविधाओं और बाल कल्याण में भी कटौती की घोषणाएं कर चुकी हैं। जिसके कारण प्रत्येक वर्ग मे सरकार के प्रति गहरा रोष बढ़ रहा हैं।
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