डॉग संबंधी विदेशी बीमारियों के विरुद्ध कठोर नीतियां चाहता हैं कैनेडा

वैंकुअर । ब्रिटीश कोलम्बिया की एक महिला को पिछले दो माह से बुखार, सरदर्द व तेजी से वजन कम होने की परेशानी थी, जिसकी जांच के लिए वह जब डॉक्टर के पास गई और उनके डॉक्टर ने पीड़ित महिला का ब्लड टेस्ट किया तो पाया कि उसे डॉग संबंधी बीमारी हैं, जिस डॉग को वह अभी हाल ही में मैक्सिको से लाई थी। बीसी सेंटर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. इलानी गेलनीस ने बताया कि इस प्रकार के आयातित पशुओं से संबंधित बीमारियों के बारे में जागरुकता की कमी से यह बीमारियां फैलती हैं, इन दिनों युवाओं और वृद्धों में तेजी से बीमारियों से लड़ने की शक्ति कमजोर होती जा रही हैं, जिसके कारण किसी भी बाहरी संक्रमण का वे जल्द ही शिकार बन जाते है। गेलनीस ने बताया कि इस महिला को भी यह बीमारी इस कारण से हुई क्योंकि इसके शरीर में संक्रमण से लड़ने की शक्ति पूर्ण रुप से कमजोर हो चुकी थी और विदेशी डॉग के संपर्क में आते ही उसका संक्रमण इस महिला को लग गया और लापरवाही के कारण यह बीमारी इतनी अधिक बढ़ गई। स्वास्थ्य विभाग ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि मैक्सिकों और अमेरिका से आने वाले पालतू पशुओं की जांच में कमजोर नीतियों को बदलते हुए उसे कठोर करने का समय आ गया हैं, यदि समय पर ऐसा नहीं किया गया तो जल्द ही इस प्रकार की बीमारियां महामारी का रुप धारण कर लेगी। सीएफआईए के अनुसार इस उदाहरण को एक जागरुकता लक्ष्य बनाना होगा और लोगों को सतर्क करने के लिए महिला का पूरा बयान रिकॉर्ड करके उन्हें सुनाना होगा, तभी लोगों को इस पर विश्वास हो सकेगा और वे भविष्य में सतर्क रहेंगे। पिछले दिनों सरकार द्वारा रैबीज टीकाकरण को और अधिक मजबूत करने की योजना का भी आरंभ किया गया, जिसके पश्चात इस नीति को भी कठोर करने का कार्य प्रारंभ करना होगा अन्यथा कुछ समय में ही पूरे देश में इस प्रकार की बीमारियां सामान्य हो जाएंगी और उस पर नियंत्रण प्राप्त करना अनियंत्रित हो जाएगा।

You might also like

Comments are closed.