नई सोशल मीडिया नीति पर विचार कर रहा हैं सीनेट

– देश में बढ़ते भेदभाव को कम करने के लिए इस प्रकार की योजना की बहुत अधिक आवश्यकता हैं।
औटवा। स्वतंत्र सीनेटर के नए मिशन को प्राप्त करने के लिए इसके सदस्यों ने नई सोशल मीडिया नीति लागू करने की योजना बनाई हैं। टोनी डीन ने बताया कि ट्विटर पर बढ़ती कटुता को नियंत्रित करने के लिए नई योजना का जल्द ही लागू होना आवश्यक हैं, नहीं तो भविष्य में देश में बहुत अधिक अराजकता फैलने का डर हैं। ओंटेरियो सिविल सेवा के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी डीन ने बताया कि देश में फैलती अराजकता को कम करना बेहद आवश्यक हो गया हैं, नहीं तो इस प्रकार के संदेशों से ही लोग एक-दूसरे के प्रति अपने मन में गहरा गुस्सा पाल रहे हैं और अपनी सुविधा के अनुसार उसे प्रोत्साहित भी कर रहे हैं जिससे भविष्य में उन्हें इस विचार के लोगों को एकत्र करने का अवसर मिलेगा। डीन ने अपने साक्षात्कार में कहा कि हमारी संस्था द्वारा ऐसे ट्विटर खातों को फौरन बंद किया जाएगा, जिनका मुख्य मकसद केवल कटु संदेश भेजना हैं और समाज में अराजकता को बढ़ावा देना हैं। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि अब समय आ चुका हैं जब हम सब मिलकर एक ऐसी नीति तैयार करें जिससे सोशल मीडिया को अराजकता फैलाने से रोका जा सकें। समय के साथ बढ़ते सोशल मीडिया के कदम तकनीक के हिसाब से तो उत्तम हैं परंतु इसका गलत उपयोग करना बेहद हानिकारक हैं, जिसे रोकना देश की पहली आवश्यकताओं में से एक बन गया हैं। आज सोशल मीडिया किसी भी धर्म जाति के लोगों को दूसरे धर्म जाति के लोगों के प्रति उकसाने का काम इंटरनेट बखूबी कर रहा हैं। सोशल मीडिया पर अलग-अलग प्रकार के संसाधनों का बढऩा केवल इंटरनेट की सुविधा बढऩे के कारण हुआ हैं। पिछले कुछ वर्षों में इंटरनेट ने अपना पूर्ण विश्वास खो दिया हैं जिसके कारण सोशल मीडिया इतना अधिक फल-फूल रहा हैं। सोशल-मीडिया द्वारा प्रावधानित करवाने वाली सेवाओं फेसबुक और ट्विटर पर आने वाले संदेश व पिक्चरस आदि बहुत कम मात्रा में सत्यता लिए होती हैं, अक्सर इनमें बताई गई बातें झूठी, मनगंढ़त या लोगों को आकर्षित करने के लिए बनाई गई हैं।
डीन आगे बोले कि इन परिस्थितियों को देखते हुए यह उम्मीद लगाई जा रही हैं कि मौजूदा अनियंत्रण को संभालने के लिए जल्द ही नई नीतियां पारित की जाएं और समाज में फैलने वाली अन्य बुराईयों को भी रोकने में मदद मिल सके। पिछले कुछ वर्षों में जितनी अधिक तेजी से सोशल मीडिया का प्रयोग बढ़ा हैं शायद ही किसी अन्य स्त्रोत को इतनी अधिक कामयाबी मिली हैं, इसके लिए लोगों के सामने एक ऐसे लक्ष्य का उदाहरण देना होगा जिससे वे लोग स्वयं ही इस नई योजना को अपना कर इसकी सार्थकता को परिपूर्ण करें।

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