क्यूबेक में सरकारी कर्मियों को बुर्का, हिजाब, पगड़ी, टोपी और क्रॉस पहनने पर रोक

–  क्यूबेक में धर्म-निरेपक्ष बिल हुआ पारित
– राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए धार्मिक चिन्हों के प्रयोग पर लगाया जाएगा पूर्ण प्रतिबंध
– प्रांतीय सरकार के प्रमुख फ्रैंकाइस लीगॉल्ट ने इस कानून की पैरवी करते हुए कहा कि सरकार को धर्मनिरपेक्ष रखने के लिए यह बेहद जरूरी है।
क्यूबेक। कैनेडा के क्यूबेक प्रांत में स्कूल शिक्षकों, पुलिस कर्मियों और जजों समेत सभी सरकारी कर्मचारियों के धार्मिक पहनावे पर रोक लगा दी गई है। इस संबंध में प्रांतीय सरकार द्वारा प्रस्तावित कानून रविवार को 35 के मुकाबले 73 वोटों से पारित हो गया। इस कानून में मुस्लिमों के बुर्का व हिजाब, सिखों की पगड़ी, यहूदियों की टोपी और ईसाइयों के क्रॉस समेत सभी तरह के धार्मिक चिह्नों या पहनावे को प्रतिबंधित कर दिया गया है। प्रांतीय सरकार के प्रमुख फ्रैंकाईस लीगॉल्ट ने इस कानून की पैरवी करते हुए कहा कि सरकार को धर्मनिरपेक्ष रखने के लिए यह बेहद जरूरी है। लेकिन विपक्षी नेताओं ने इस कानून को नागरिकों की धार्मिक स्वतंत्रता पर आघात बताया है। क्यूबेक अपने धर्म-निरपेक्ष राज्य का सपना जल्द ही पूरा करेगा, इसके लिए सबसे पहले राज्य में धर्म के नाम पर होने वाली सभी पहनावों और चिन्हों को प्रतिबंधित करना होगा। जिसके तहत सबसे पहले सरकार ने अपने राज्य में कार्यरत सभी सरकारी कर्मचारियों के धार्मिक चिन्हों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया।  मानवाधिकार और धार्मिक संगठनों का कहना है कि यह कानून कैनेडा की बहु-सांस्कृतिक छवि को खराब करेगा। इसके चलते सिख, मुस्लिम और यहूदी अपना सरकारी पद छोडऩे पर मजबूर हो जाएंगे। मॉन्ट्रियल के कई सरकारी अधिकारियों, मेयर और स्कूल बोर्ड ने इस कानून को लागू नहीं होने देने की बात की है। ऐसे में प्रांत में सांस्कृतिक तनाव की स्थिति बन सकती है। वहीं दूसरी ओर लिबरल नेता मार्क टैंगॉई का कहना है कि इस प्रकार से धर्म निरपेक्ष पुलिस की रचना बहुत अधिक कठिन होगा। जबकि प्रवासी मंत्री का कहना है कि सभी विधायक इस बात के लिए संतुष्ट है कि धर्म-निरपेक्ष को स्थाई बनाने के लिए इस प्रकार की योजना कारगर होगी। श्रेष्ठ परिणामों के लिए पहले कुछ कठोर कदम उठाने आवश्यक होते हैं, इसी के मद्देनजर सबसे पहले धार्मिक चिन्हों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया जाएगा और यदि इस विषय पर आधारित चर्चा में सरकार को सफलता मिलती हैं तो वे इसे पूरी दुनिया में एक उदाहरण के रुप में पेश करेंगे और सभी धर्म-निरपेक्ष देशों में इसे लागू करने पर जोर दिया जाएगा।
पहले भी हुआ था विरोध :
इस कानून के विरोध में गत अप्रैल में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए थे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि धार्मिक चिह्न पहनना व्यक्ति का निजी फैसला है इससे उसकी सार्वजनिक जिम्मेदारियों पर कोई असर नहीं पड़ता।
कानूनी चुनौती देना आसान नहीं :
नेशनल काउंसिल ऑफ कैनेडियन मुस्लिम और द कैनेडियन सिविल लिबर्टीज एसोसिएशन के साथ कुछ वकील भी कोर्ट में इस कानून को चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं। उनके लिए हालांकि यह आसान नहीं होगा। सरकार ने इस बिल में ”नॉटविथस्टैंडिंग क्लॉज” का इस्तेमाल किया है। संविधान में इसके तहत प्रांतीय सरकारों को धार्मिक और अभिव्यक्ति से जुड़ी कुछ स्वतंत्रताएं रद्द करने का अधिकार दिया गया है।
कई लोग समर्थन में भी :
इस कानून के समर्थकों के अनुसार क्यूबेक के उदारवादी सिद्धांतों को बचाकर रखने के लिए यह जरूरी है। मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखने वाले अकाउंटेंट अमानी बेन अम्मार ने कहा, ”सरकारी कर्मियों का निष्पक्ष रहना और नजर आना जरूरी है। यह तभी संभव है जब वह किसी तरह का धार्मिक चिह्न या पहनावा ना पहने।ÓÓ

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