आधुनिक सैटेलाईट सेवाओं को ग्रामीण ईलाकों से जोड़ने के लिए औटवा करेगा 85 मिलीयन डॉलर का निवेश
औटवा। केंद्र सरकार द्वारा ग्रामीण ईलाकों में हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाओं को बढ़ाने के लिए आधुनिक सैटेलाईट तकनीक के विकास में 85 मिलीयन डॉलर की घोषणा की गई है। कैनेडा के उन गांवों में इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी जहां इसे पहुंचाना होता हैं कठिन कार्य।
ज्ञात हो कि इस अनुदान से औटवा की कंपनी टेलेसेट द्वारा एक ऐसी स्पेस परियोजना तैयार की जाएंगी जिससे सैटेलाईटस को धरती के अंतिम धूरी पर स्थापित करते हुए इससे इंटरनेट सेवाओं को सुचारु रुप से बहाल किया जाएगा। सरकारी सूत्रों के अनुसार ट्रुडो सरकार ने टेलीसेट के साथ एक प्राथमिक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं जिसमें वे मिलकर अगले दस वर्षों के लिए 600 मिलीयन डॉलर का निवेश करेंगे और जिसके प्रारंभ से वर्ष 2030 तक कैनेडा दुनिया का सबसे अधिक हाई स्पीड इंटरनेट सेवा वाला देश बन जाएगा।
आर्थिक विकास मंत्री नवदीप बेन्स ने बताया कि सरकार हमेशा देश के सभी वर्गों के बारे में सोचती है और इसी के अंतर्गत हाई-स्पीड इंटरनेट की आवश्यकता को जानते हुए यह सेवा देश के कोने-कोने में भेजने का प्रण लिया हैं जिससे इंटरनेट की सुविधा से देश का प्रत्येक क्षेत्र समान रुप से विकसित हो सके और देश की प्रगति में एक नया आयाम जुड़ जाएं। उन्होंने आगे कहा कि विचार कीजिए कि देश के ग्रामीण ईलाके भी हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा से जुड़ जाएं तो इन क्षेत्रों का विकास कितना होगा, यहीं सोचकर सरकार ने इस परियोजना को हरी झंडी दिखाई और इसके लिए 85 मिलीयन डॉलर के निवेश प्रस्ताव को पारित किया।
सरकारी सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने गत मार्च में 5 मिलीयन डॉलर और 6 मिलीयन डॉलर के मध्य का निवेश अगले दस वर्षों में करके देश के सभी घरों और व्यापारों को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ने की योजना बनाई हैं जिसे वर्ष 2026 तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
वहीं दूसरी ओर विपक्षी पार्टी के सांसद डेन अल्बास का कहना है कि सरकार की यह योजना तो अच्छी हैं परंतु इसे चुनाव के पूर्व ही क्यों पारित किया गया, इतने वर्षों से इस पर कार्य क्यों नहीं हुआ? अल्बास ने आगे कहा कि ये वादे सरकार के चुनावी स्टंट हैं जिससे जनता को सावधान हो जाना चाहिए और भविष्य में सोच समझकर अपने मतदान का प्रयोग करना होगा अन्यथा सत्ताधारी सरकार उन्हें भ्रमित कर सकती है। अन्य विपक्षी पार्टियों ने लिबरल सरकार और टेलेसेट की साझेदारी पर भी सवाल उठाएं और कहा कि इतनी लंबी साझेदारी किसी भी सरकार के साथ संशय का विषय हैं इसकी पूरी जानकारी अभी तक सार्वजनिक भी नहीं की गई है।
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