लेगाउल्ट फेक्टर : क्यूबेक प्रीमियर इस बार चुनाव प्रचार में डाल सकते हैं अपना प्रभाव
– बिल 21 पर अभी तक स्थिति नहीं हुई हैं साफ
टोरंटो। क्यूबेक प्रीमियर फ्रांसकोइस लेगाउल्ट ने अपनी पार्टी सदस्यों को सख्त निर्देश दिए कि इस बार चुनावों में कोई भी सदस्य प्रचार अभियान में भाग नहीं लेगा। उन्होनें पार्टी सदस्यों को आदेश देते हुए कहा कि कोई भी मंत्री, बैकबेंचर या पार्टी स्टाफ इस प्रचार अभियान से दूर रहेगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वह नहीं चाहते कि अगली सरकार के निर्माण में उनकी पार्टी की कोई भूमिका रहें। ज्ञात हो कि यह मामला प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो द्वारा प्रस्तावित बिल 21 के विरोध में खड़े होने से विवादित हुआ, सूत्रों के अनुसार लेगाउल्ट ने बिल 21 को पारित होने के लिए संसद में पेश करने से पूर्व ही 11 सितम्बर को ट्रुडो ने संसद भंग की घोषणा कर दी, जिससे लेगाउल्ट नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि ”उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि ट्रुडो इस प्रकार से उनके साथ ऐसा व्यवहार करेंगे ” जबकि ट्रुडो प्रारंभ से ही बिल 21 के विरोध में रहे हैं और उन्होंने अपने संबोधन में भी कहा कि वह हमेशा इस बिल के विरोध में मत देंगे। लेगाउल्ट ने भी कहा कि वह इस विरोध का सामना करेंगे चाहे इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार को कोर्ट में चुनौती क्यों न देनी पड़े। बिल 21 में सभी सरकारी अधिकारियों और सार्वजनिक कार्यालयों में कार्य करने वाले कर्मचारियों को किसी भी प्रकार का धार्मिक चिन्ह पहनने पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में प्रस्ताव पारित करने की अनुमति दर्शाई गई हैं, जिसके लिए संसद में बहस होना शेष था और सदस्यों की राय पर इसे पारित कर दिया जाता, परंतु उससे पूर्व ही प्रधानमंत्री ने संसद भंग की घोषणा कर दी।
ट्रुडो ने अपने संबोधन में कहा कि केवल हमारी सरकार ने ही सबसे पहले इस बिल के विरोध में आवाज उठाई, जबकि विपक्ष पार्टी ने मौन रहकर इस पर सहमति दर्शाई, कैनेडा एक सर्वधर्म देश है और यहां सभी धर्मों को समान रुप से सम्मान दिया जाता हैं और इस प्रकार से लोगों की आस्था पर प्रतिबंध लगाना अनुचित होगा। जबकि लेगाउल्ट का कहना है कि वह इस प्रकार के जातिय चिन्हों का विरोध इसलिए कर रहे हैं जिससे एक समानता बनें और चिन्हों को देखकर लोगों के मन में एक-दूसरे के प्रति कोई भी हिन भावना उत्पन्न हो ऐसा वह नहीं चाहते, देश में बढ़ते इस्लामोफोबिया को नियंत्रण करने का यह सबसे उत्तम ईलाज होगा। जानकारों के अनुसार इस प्रकार से क्यूबेक नेताओं द्वारा प्रचार में भाग नहीं लेने से इस चुनावों में क्यूबेक में लिबरल प्रभाव कम होने की संभावना हैं। बताया जाता है कि ट्रुडो ने इन चुनावों में अभी तक केवल एक डिबेट में भाग लिया, जबकि कई आयोजित डिबेटों में वह बचते नजर आएं। केवल कुछ दिन शेष रहे चुनावों पर सबकी नजरें परिवर्तित स्थितियों पर हैं जो कब बदल जाएं यह नहीं कहां जा सकता।
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