चुनावों से पूर्व केंद्रीय अधिकारियों ने सोशल सेवाओं में निवेश किए थे 50 मिलीयन डॉलर : दस्तावेज
– ‘टाईट समससीमा’ के अंदर निवेश पर उठ रहे हैं कई सवाल, सरकारी अधिकारियों ने दिए संबंधित जवाब
औटवा। सूचना अधिनियम के अंतर्गत सरकार के आंतरिक सूत्रों के रिपोर्ट के अनुसार चुनावों के कुछ समय पूर्व ही प्रचार अभियान को प्रोत्साहित करने के लिए 50 मिलीयन डॉलर का निवेश किया गया था। यह निवेश राष्ट्रीय ग्रुपों को प्रोत्साहित करने के लिए किया गया, इसके द्वारा लघु समूहों को भी इस अभियान से जोड़ने में मदद के लिए साथ लिया गया। इस योजना के प्रमुख मंत्री की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने योजनाबद्ध तरीके से इसका निवेश किया, जिससे देश में रोजगार के साथ साथ सामाजिक विकास भी हो सके। इस धन के निवेश का मुख्य लक्ष्य लिबरल्स द्वारा आगामी वर्षों में सामाजिक सेवाओं को निजी क्षेत्रों के साथ व्यापक रुप से चलाना है। इसमें राजस्वों को गैर-लाभकारी संस्थाओं के रुप में प्रयोग करना भी है। सामाजिक वित्त निवेश की यह पहली विनिमय की श्रेणी थी जिसे सरकार ने अपने 800 मिलीयन डॉलर के निवेश के वादे की शुरुआती रुप में किया। मक्कोनेल फाउन्डेशन के अध्यक्ष व सीईओ स्टीफन हडर्ट ने बताया कि सरकार के इस निवेश का वितरण किस प्रकार हुआ यह जानना अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि आंरभिक सामाजिक सेवा संस्थाओं को प्रोत्साहन राशि मिलने पर ही वे अधिक विकसित हो सकती है। उन्होंने आगे बताया कि यह सरकार का कोई लघु निवेश नहीं हैं बल्कि दीर्घ कालीन निेवेश हैं, माना जा रहा है कि जून में 50 मिलीयन डॉलर के निवेश से कई प्रकार की सामाजिक सेवाओं का विकास किया जा सकेगा और जल्द ही सरकार अपने 755 मिलीयन डॉलर के निवेश को भी कार्यन्वित करेगी। इसका पूरा भरोसा है। उन्होने मीडिया को संबोधित करते हुए यह भी माना कि सभी विपक्षियों और समीक्षकों को इस निवेश के लिए धैर्य का परिचय देना होगा, क्योंकि यह एक दीर्घ कालीन निवेश हैं, छोटे निवेशों के परिणाम शीर्घ आते हैं परंतु दीर्घ कालीन निवेशों के लिए कुछ समय प्रतीक्षा करनी अनिवार्य होगी।
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