कंसरवेटिव्स के नेतृत्व की कोई योजना नहीं : पैट्रिक ब्राउन
– पैट्रिक ने स्पष्ट कहा कि ”वह ब्रैम्पटन में बहुत खुश हैं और उनकी पत्नी व बच्चों को भी औटवा जाना पसंद नहीं होगा।”
ब्रैम्पटन। ब्रैम्पटन मेेयर और पूर्व कंसरवेटिवस नेता पैट्रिक ब्राउन ने आज एक साक्षात्कार में यह स्पष्ट कर दिया कि आगामी दिनों में कंसरवेटिवस के नेतृत्व की कोई योजना नहीं, ज्ञात हो कि पिछले दिनों केंद्रीय कंसरवेटिवस प्रमुख एंड्रू शीयर ने अपने इस्तीफे की घोषणा के पश्चात देश में कंसरवेटिवस के नए प्रमुख की चर्चा जोरों पर हैं। गौरतलब है कि पैट्रिक ब्राउन पर गत 2018 में यौन उत्पीड़न के आरोपों के पश्चात उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, उसके एक वर्ष पश्चात वह पुन: मेयर के रुप में राजनीति में आएं। सूत्रों के अनुसार वर्ष 2006 से 2015 तक उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर के कार्यकाल में सफल सांसद के रुप में उत्तम कार्य भी किया था, जिसके कारण उन्हें ओंटेरियो में पीसी पार्टी का नेतृत्व सौंपा गया, परंतु स्थितियां विपरीत होने के कारण उन्हें उस समय अपने आपको पार्टी से अलग करना पड़ा। लेकिन एक बार फिर से पीसी पार्टी के नेतृत्व को लेकर देश में मची हलचल के लिए उन्होंने स्पष्ट कहा कि फिलहाल वह सिटी प्रमुख के रुप में नगरपालिका कार्य से ही संतुष्ट है और अगले चार वर्षों तक किसी और पद की कामना नहीं कर रहे हैं। उन्होंने अपने साक्षात्कार में कहा कि वह ब्रैम्पटन में बहुत खुश हैं और उनकी पत्नी व बच्चों को भी औटवा जाना पसंद नहीं होगा। पिछले दिनों की याद करते हुए ब्राउन एक बार भावुक भी हो गए और पार्टी के अपने पुराने दोस्तों को याद करते हुए बोले कि पार्टी की यह स्थिति से उन्हें भी बहुत दु:ख हैं और वह आशा करते हैं कि जल्द ही पीसी पार्टी के केंद्रीय प्रमुख का चयन हो जाएं और पार्टी अपनी पुरानी गरिमा को प्राप्त हो।
न्यूज – 25
2019 में औटवा की प्रख्यात कहानियां
इस वर्ष की कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं जिन्होनें सोशल मीडिया पर आपको अपनी ओर आकर्षित किया
औटवा। इस वर्ष न केवल औटवा के परिवहन संबंधी घटनाएं ही नहीं कुछ अन्य ऐसी गतिविधियां भी हुई, जिनकी चर्चा किए बिना नहीं रहा जा सकता, इस वर्ष जहां एक ओर पार्लियामेंट स्टेशन पर फैली बदबू, दरवाजों में कमियां और बहुत अधिक संख्या में बसों का स्थगन होना परिवहन विभाग की कमियों को उजागर करता हैं वहीं कुछ ऐसी अचरज घटनाएं घटी जिन्हें याद करना बेहद आवश्यक हैं।
1. पियक्कड़ रेकूनस
जहां एक ओर आपके बच्चे स्कूल जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर देश के कई राज्यों में एलआरटी योजना आरंभ होने वाली हैं वहीं आप देखें की आपके शहर की सड़कों पर रेकूनस घूम रहे हैं तो आपको आश्चर्य होगा, ये पशु रसीले फलों के लिए जंगलों के निकटवर्ती ईलाकों में देखें जा सकते हैं, इसलिए जानकारों के अनुसार किसी भी रेकूनस को देखने पर उसे किसी भी प्रकार से कॉफी आदि का सेवन न करवाएं नहीं तो वह प्रतिदिन आपके घर के आसपास घूमता रहेगा और पसंदीदा पेय नहीं मिलने पर उत्पाद मचाएंगा।
2. औटवा की परिवहन समस्याएं
जहां एक ओर कहा जा रहा है कि औटवा में परिवहन संबंधी नए युग का आरंभ किया गया हैं जिसका शुभारंभ परिवहन मंत्री द्वारा सितम्बर 2019 में किया गया, वहीं दूसरी ओर इस वर्ष की समस्याओं ने केंद्र के सभी वादों को झुठला दिया, जहां एक ओर स्टेशनों पर बदहाली देखी गई वहीं दूसरी ओर भारी संख्या में बसों के स्थगन से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
3. औटवा-गटीन्यू में बाढ़ से तबाही
देश में अभी दो वर्ष पहले ही भयानक बाढ़ से तबाही मची थी, जिसकी भरपाई प्रभावित राज्य अभी तक नहीं कर पाएं थे कि इस वर्ष के स्प्रिंग सीजन में पुन: औटवा-गटीन्यू की बाढ़ ने स्थानीय लोगों को मुश्किल में डाल दिया। औटवा नदी के खतरे का निशान पार करते ही चाउडीयेरे ब्रिज को बंद कर दिया गया।
4. पक्षी से टकराने के बावजूद प्लेन को सुरक्षित लैंड करवाया गया
वैनकुअर में एयर कैनेडा ने एक सफल उड़ान को नियंत्रित कर सैकेड़ों जिदंगियों को बचाने का महान कार्य किया, ज्ञात हो कि इस वर्ष एयर कैनेडा का इंजन लैंडिग के समय खराब हो जाने के कारण एक पक्षी से टकरा गया, परंतु पायलट ने समझदारी का प्रमाण देते हुए प्लेन का संतुलन बनाएं रखा और सभी यात्रियों को सुरक्षित लैंड करवाने का मुश्किल कार्य आसानी से कर दिया। पायलट ने प्लेन में यात्रियों को भी अपने संवादों से धैर्य बनाएं रखने में भी अपनी महारथ का प्रमाण साबित किया।
5. स्नो टॉ के लिए स्थानीय लोग स्वयं आगे आएं
इस बार देश के दो ट्रक ड्राईवरों ने भारी बर्फबारी के पश्चात स्वयं स्नो टॉ करके अपने अवरोध मार्गों को साफ किया, उन्होंने सरकारी मदद की प्रतीक्षा भी नहीं की, जो सबूत है कि यदि स्वयं चाहे तो हर जटिल कार्य पूर्ण हो सकता हैं और यदि यहीं उदाहरण प्रत्येक कैनेडियनस विचार करें तो कभी स्नो फॉल्ट की समस्या ही नहीं हो, जितना संभव हो सके स्वयं ही अपने आसपास के क्षेत्र का स्नो टॉ करते रहे।
6. टोरनेडो ने भी लोगों को भयभीत किया
जहां इस वर्ष देश में कुछ क्षेत्रों में बाढ़ आई वहीं टोरनेडो ने भी ओरलेन्स के लोगों को भयभीत किया, इसकी संभावना से कई ईलाकों को खाली करवाया गया और टोरनेडो चले जाने के पश्चात उन्हें सुरक्षित वही विस्थापित किया गया। इस तूफान में लोगों को अधिक क्षति नहीं पहुंची परंतु स्थानीय घरों, वाहनों और पेड़-पौधों को भारी नुकसान पहुंचा हैं।
Comments are closed.