देश में बाधित रेलमार्गों की बहाली के लिए कैबीनेट मंत्रियों से मिले प्रधानमंत्री ट्रुडो
औटवा। देश में बढ़ते विरोध-प्रदर्शन को रोकने के लिए केन्द्र सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो के साथ एक भेंटवार्ता का आयोजन किया। इस चर्चा का मुख्य लक्ष्य देश में प्रभावित रेल-मार्गों को सुचारु करना हैं और भविष्य में इस प्रकार की घटना दोबारा न घटे यह भी सुनिश्चित करना होगा। प्रधानमंत्री ट्रुडो के प्रवक्ता चैन्टल गैनॉन ने बताया कि इस बैठक में प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो, उपप्रधानमंत्री क्रिस्टीया फ्रीलैंड, परिवहन मंत्री मार्क गारनेयु, लोक सुरक्षा मंत्री बिल ब्ल्येर और क्राउन-इन्डीजीयस रिलेशन मंत्री कारोलयन बेनेट ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। गैगनॉन ने आगे बताया कि आदिवासी सेवा मंत्री मार्क मिलर ने प्रधानमंत्री ट्रुडो के साथ भेंटवार्ता करके इस समस्या का हल खोजने की चेष्टा की हैं और माना जा रहा है कि जल्द ही इस समस्या का कोई सार्थक हल निकालने का प्रयास किया जा रहा हैं। सूत्रो के अनुसार पिछले सप्ताह रविवार को प्राकृतिक गैस पाईपलाईनों के विस्तार का विरोध कर रहे ब्रिटीश कोलम्बियाई प्रदर्शनकारियों ने वीआईए रेल के मार्गों में व्यवधान उत्पन्न किया, इस प्रदर्शन का मुख्य कारण प्रस्तावित पाईपलाईन योजना को बंद करना था। रेल अधिकारियों के अनुसार टोरंटो और औटवा के मध्य चलने वाली लगभग 18 रेलगाड़ियों को स्थगित किया गया हैं, जिसके साथ साथ टोरंटो और मॉन्ट्रीयल के मार्गों को भी शामिल किया गया हैं। इसमें कैनेडियन नेशनल रेलवे ट्रैफिक के भी प्रभावित होने की बात को स्वीकारा गया हैं। इस प्रदर्शन में बी.सी. के मूल आदिवासी समूहों ने अपनी प्रतिभागिता दर्शाई हैं। आरसीएमपी अधिकारियों को प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया हैं, जल्द ही इन्हें कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा, सूत्रों के अनुसार ये प्रदर्शनकारी 670 किलोमीटर कोस्टल गैसलिंक पाईपलाईन के विस्तार योजना को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। मिलर ने कहा कि इन बाधाओं से देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही हैं, परंतु सरकार इस समस्या का हल शांतिपूर्ण निकालेगी। हम उन लोगों को समझाएंगे जो इस योजना के खिलाफ हैं। सभी के साथ समन्वय बनाकर ही कोई भी नई योजना का प्रारंभ होगा, विरोध करने वाले समुदाय सैकड़ों वर्षों से कैनेडा में रह रहे हैं और उन्हें भी अपनी इच्छा की अभिव्यक्ति रखने का पूर्ण अधिकार हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बात की भी पुष्टि की और बताया कि जल्द ही विरोधी समुदायों के प्रमुखों के साथ प्रधानमंत्री की बैठक का आयोजन होगा।
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