अवरोधों पर प्रधानमंत्री ट्रुडो के प्रबंधन से अधिकतर कैनेडियन नाखुश : पोल

औटवा। नई पोल रिपोर्ट में यह स्पष्ट कहा गया कि देश के अधिकतर कैनेडियनस को प्रधानमंत्री द्वारा प्राकृतिक गैस पाईन लाईन विस्तार का विरोध कर रहे आदिवासी समुदायों के साथ किए गए प्रबंधनों से काफी असंतोष हैं। ज्ञात हो कि आदिवासी नेताओं द्वारा आयोजित प्रत्येक धरने प्रदर्शन को केंद्र सरकार ने व्यवस्थित तरीके से नहीं सुलझाया, जिसके कारण यह संकट और अधिक बढ़ गया और प्रदर्शनकारियों ने पहले रेलें रोकी उसके बाद सड़कों को भी अपना निशाना बनाया। इन अवरोधों की सबसे अधिक भरपाई आम नागरिकों को करना पड़ा।
लेजर मार्केटिंग सर्वे के अनुसार 61 प्रतिशत लोगों का मानना है कि प्रधानमंत्री की प्रबंधन योजनाओं में बहुत अधिक त्रुटियां थी, जिसके कारण वे इस संकट को नहीं हल सकें। ब्रिटीश कोलम्बिया में वेटसुवेटन समुदाय के लोगों को प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार करना अनुचित था, इससे आदिवासी अधिकारों का हनन भी उजागर हो रहा हैं। फरवरी के प्रारंभिक दिनों में कोर्ट के निर्णय के पश्चात आदिवासी समुदायों ने इस निर्णय का विरोध किया और अपनी मांगों को मनवाने के लिए उन्होंने रेल अवरोधों को चुना और जब वे अधिक सफल नहीं हो सके तो उन्होंने मुख्य सड़कों पर अवरोध पैदा करने की योजना को साकार किया। लेजर संस्था के उपाध्यक्ष क्रिस्टीयन बॉरक्यू ने बताया कि इस पोल रिपोर्ट में यह भी माना गया कि जनता में पिछले दस वर्षों में अपने अधिकारों के प्रति सजगता बढ़ी हैं। लेकिन जब विकास की बात आती हैं तो आदिवासी और शहरी लोगों में विचारों का मतभेद स्पष्ट दिखाई देता हैं। लेकिन पोल में भाग लेने वाले अधिकतर लोगों का मानना था कि स्थिति को पहली बार में  ही अच्छी तरह से संभाला जा सकता था, परंतु प्रधानमंत्री ट्रुडो द्वारा उचित प्रबंधन नहीं करने से इन समुदायों में अधिक निराशा भर गई और यह गुस्सा रेल व सड़क यातायात को रोकने के लिए किया गया। ट्रुडो को देश को जोड़कर रखने वाली नीतियों को बढ़ावा देना चाहिए था, न कि विकास के नाम पर आदिवासियों को जेल में भरना जिससे यह गुस्सा और अधिक भड़का और ये लोग मरने-मारने पर अड़ गए और मामला और अधिक उलझ गया। ज्ञात हो कि यह ऑनलाईन सर्वे 1540 कैनेडियनस के बीच 28 फरवरी से 2 मार्च तक करवाया गया, परंतु इसके सभी आंकड़ों को वास्तविक नहीं माना जा सकता क्योंकि इंटरनेट सर्वे में वास्तविकता की कमी बहुत अधिक होती हैं।
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