कोविड-19 प्रकोप से बचने के उपायों में पारदर्शिता की कमी : पूर्व लोक सुरक्षा मंत्री
औटवा। पूर्व लिबरल लोक स्वास्थ्य मंत्री रालेफ गूडेल ने माना कि इस समय राज्य सरकार का प्रबंध उचित नहीं हैं और न ही उनके दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जा रहा हैं। जिसके लिए सरकार को विचार करना चाहिए, नहीं तो जल्द ही सरकार के सामने एक भयंकर आपदा मुंह खोलकर कर खड़ी हैं। रालेफ ने अपने साक्षात्कार में स्पष्ट कहा कि इस समय लोगों की सुरक्षा को पहली प्राथमिकता हैं और अपने किसी भी परिजन को बचाने के लिए यह कदम सबसे सार्थक होना चाहिए, परंतु इस विषय में लोग अधिक गंभीर नहीं हो रहे हैं, जिसके लिए अब राज्य सरकार को भी यहां ऐसे संक्रमित वायरस के ईलाज हेतु ठोस कदम उठाने होंगे जिससे जनता को शीघ्र ही स्वास्थ्य लाभ मिल सके। गूडेल ने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार को इस बात की भी पुष्टि करनी चाहिए कि राज्य के किसी भी क्षेत्र में मौजूद कोई भी व्यक्ति कोरोना से पीड़ित तो नहीं, केवल अस्पताल द्वारा जारी आंकड़ों को सुनिश्चित करें। इन आंकड़ों की प्राप्ति के पश्चात ही सरकार नई जानकारियां प्रकाशित कर सकती हैं। लिबरल नेता ने यह भी कहा कि पिछले दिनों लिबरल द्वारा प्रस्तुत वित्तीय अपडेट्स में पारित अनुदानों पर विपक्ष में बहुत अधिक विवाद रहा, जहां एक ओर विपक्ष इस बात का जवाब मांग रहा था कि संसद में बिना किसी चर्चा के सभी आपतिक अनुभागों को पारित कर दिया गया, जिससे यह समस्या उत्पन्न हुई कि भविष्य के निवेशों को पूर्ण चर्चा के पश्चात ही लगाया जा सकेगा और इसकी प्राप्तियों में भी बड़ी रुकावट सामने आएंगी। उन्होंने यह भी माना कि इस संकट की घड़ी में इस प्रकार आपसी विवाद दु:खद हैं, जिसे कंसरवेटिवस को समझना होगा और राज्यों के पक्ष-विपक्ष ने मिलकर संयुक्त बयान द्वारा आगे की रुप-रेखा जारी की हैं। परंतु अभी भी कई ऐसे मसले हैं जिसमें सरकार और विपक्ष को पारदर्शी होना होगा जिससे भविष्य के निर्माण में उचित कदम उठाएं जा सकेगें।
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