मास्कों की सही जानकारी होना आवश्यक : डॉ. ईलीन डी वीला

टोरंटो। टोरंटो के वरिष्ठ मेडिकल अधिकारी और प्रख्यात डॉक्टर ने लोगों को कोविड-19 से बचने के लिए मास्क की उपयोगिता के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि केवल मास्क लगाना ही पर्याप्त नहीं अपितु उचित मास्क लगाना ही स्वयं को संक्रमण से बचाने के लिए सार्थक कदम होगा। इस समय पूरी दुनिया कोविड-19 संक्रमण से बचने के उपायों पर शोध कर रही हैं, परंतु वैक्सीन जब तक बने उससे पहले हमें इससे बचने के उचित उपायों को अपनाना होगा। डॉ. वीला ने इसके लिए  लोगों को जागरुक करने के लिए एक रिपोर्ट जारी की और उसमें बताया कि किस प्रकार का मास्क आपके लिए इस संक्रमण से बचने के लिए सबसे अधिक उपयोगी होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि इस समय देश के लगभग सभी राज्यों ने रिओपनींग की प्रक्रिया आरंभ कर दी हैं और इस स्थिति में हमारा लक्ष्य होता है कि केवल स्वयं की ही नहीं अपितु अन्य को भी इस संक्रमण से बचाएं, इस समय मानव शरीर का सबसे नाजुक हिस्सा चेहरा हैं जहां से यह वायरस सबसे पहले हमला करता हैं, इसलिए घर से बाहर निकलते ही मास्क लगाना अनिवार्य बनाएं और अपनी निजी आदतों में इसे शामिल कर ले।  इसके अलावा उन्होंने कुछ अन्य उपायों को भी अपनाने पर जोर दिया जिससे कि कोई भी आम नागरिक स्वयं को इस महामारी से बचाने में कामयाब हो सकता हैं।
आपको कब मास्क पहनना चाहिए?
डॉ. वीला के अनुसार घर के बाहर निकलने से पूर्व आपको अवश्य मास्क पहनना होगा, इससे न केवल आपके चेहरे का बचाव होगा अपितु दूसरे का संक्रमण आप तक नहीं पहुंच सकेगा, इसलिए घर से बाहर निकलने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपने मास्क पहना है या नहीं । यह मास्क आप पैदल यात्रा के समय, टैक्सी या अपने निजी वाहन में जाने के समय भी लगाएं।
किस प्रकार का मास्क लगाने से होगा लाभ?
डिस्पोजेबल मास्क :
डिस्पोजेबल मास्क को सर्जिकल मास्क भी कहा जाता है, इसे अस्पताल में मौजूद मरीजों के आसपास रहने वाले डॉक्टर और स्टाफ यूज करते हैं। ये डॉक्टर और रोगी दोनों को संक्रमण से बचाता है, क्योंकि ये ‘इनसाइड टू आउटसाइडÓ यानी अंदर से बाहर, बैक्टीरियल इंफेक्शन को रोकता है। हालांकि ये 3-8 घंटे तक ही प्रभावी होता है लेकिन ये खतरनाक कोरोना वायरस से नहीं बचा सकता है।
एन 95 रेस्पिरेटर मास्क :
ये मास्क सर्जिकल मास्क से भी ज्यादा प्रभावी माना जाता है, क्योंकि ये ‘आउटसाउड टू इनसाइडÓ यानी बाहर से अदंर तक फैलने वाले बैक्टीरियल इंफेक्शन को रोकता है। ये मास्क कोरोना जैसे वायरस की महामारी के दौरान मदद करता है। कोरोना वायरस से सुरक्षा के तौर पर एन 95 श्वासयंत्र का इस्तेमाल ज्यादा प्रभावी माना गया है, क्योंकि ये मास्क अच्छी तरह से फिट होते हैं और छोटे कणों को छानते हैं! यह हवा में मौजूद 95 फीसदी छोटे कणों को अवरुद्ध करता है।
रेस्पिरेटर मास्क :
रेस्पिरेटर मास्क भी होते है दो तरह के इनस्युलेटिंग रेस्पिरेटर मास्क और फिल्टरिंग रेस्पिरेटर मास्क, ये मास्क गैस लीक और व यूरोपियन स्टेंडर्ड के हिसाब से बनाए जाते हैं। इन को 3 डिस्पोजेबल वैरायटी में रखा गया है।
एफएफपी2 मास्क :
ये क्वालिटी में कुछ अच्छा नहीं होता है, इसमें फिल्ट्रेशन 80 प्रतिशत और लीकेज 20 प्रतिशत होती है। ये सिर्फ घर में इस्तेमाल करने के लिहाज से सही है। ये क्वालिटी में स्नस्नक्क1 की तुलना में बेहतर होता है। इसमें फिल्ट्रेशन 94 प्रतिशत और लीकेज 8 प्रतिशत तक होती है। वर्तमान में ये मास्क कोरोना वायरस से बचने के लिए पहने जा रहे हैं।
एफएफपी3 मास्क :
ये सबसे फाइन क्वालिटी का मास्क बताया जा रहा है, इसमें फिल्ट्रेशन प्राय: 99 प्रतिशत और लीकेज लगभग 2 प्रतिशत तक होती है। कोरोना, सार्स औऱ अन्य जानलेवा वायरस से बचने के लिए बाहरी देशों में इसकी मदद ली जा रही है। हालांकि भारत जैसे भीड़भाड़ वाले देश में ये कितना कारगर होगा, कहा नहीं जा सकता लेकिन इतना तय है कि मास्क खांसी औऱ छींक के जरिए फैल रहे संक्रमण को आप तक नहीं आने देगा।
मास्क पहने कैसे?
इसे पहनने से पहले कम से कम 20 सैंकेन्ड तक अपने हाथों को अच्छे से धोएं उसके पश्चात ही इसे छूएं और उचित प्रकार से पहने, चेहरें पर अधिक छोटे या बड़े आकार के मास्कों का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए।
मास्क को कब धोना चाहिए?
डॉ. वीला ने बताया कि केवल कपड़े से बने हुए मास्क को ही लॉन्ड्री के साथ धो सकते हैं, परंतु उसे भी अधिक गर्म पानी से धोएं जिससे उसके बैक्टीरिया पूर्ण रुप से समाप्त हो सके अन्य सभी प्रकार के मास्कों को प्रयोग के पश्चात नष्ट करके गारबेज कर देना चाहिए।
कुछ लोगों को मास्क नहीं पहनना चाहिए?
डॉ. ने यह भी कहा कि कुछ आयु के लोगों को मास्क पहनने से बचना चाहिए या इसके लिए कुछ अन्य उपायों को अपनाना चाहिए। इसमें दो साल से छोटे बच्चे या ऐसे व्यक्ति जिन्हें सांस लेने में कोई परेशानी होती हो या उन्होंने पहले से ही कोई ऐसा उपकरण लगा रखा हो जिसका संबंध नाक, मुहं या कान से हो और उन्हें मास्क उतारने या पहनने में अधिक परेशानी होती हो।  मास्क लगाने की आदत के साथ साथ स्वयं की सतर्कता भी आवश्यक हैं जिसके कारण हम यह जंग अवश्य जीत लेंगे।
You might also like

Comments are closed.