कोविड-19 महामारी से जूझ रहा हैं क्यूबेक

मॉन्ट्रीयल। कोविड-19 के कारण क्यूबेक निवासियों को भारी स्वास्थ्य कमियों का सामना करना पड़ रहा हैं, ज्ञात हो कि इस समय क्यूबेक के अधिकतर बड़े अस्पताल केवल कोरोना का ईलाज कर रहे हैं, जिससे अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों व उनके परिवारों को गहरे संकट का सामना करना पड़ रहा हैं। इस बारे में अलग-अलग उदाहरणों द्वारा इस समस्या की अधिक जानकारी दी गई, जिसमें एक लड़की जुलाई मैक अपने पिता के साथ प्रतिदिन रात्रि को सोती हैं, उसने मीडिया को बताया कि पिछले दिनों उसके पिता को स्ट्रोक आया था जिसके पश्चात उनका शरीर उचित कार्य नहीं कर रहा है और कोरोना के कारण पिछले कुछ दिनों उन्हें लोन्ग टर्म केयर सेंटर में भर्ती करवाया गया था, जिससे उन्हें अधिक लाभ नहीं मिल पाया और उनका पूरा परिवार इस समस्या से जूझा। मैक ने बताया कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वह अपने पिता को लेकर कहां जाएं और उनकी पीड़ा को कैसे समाप्त करें, उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा स्थितियों पर उन्हें बहुत अधिक गुस्सा आ रहा हैं। मैक के पिता की मृत्यु कोरोना संक्रमण के कारण हो गई और उसका परिवार कुछ नहीं कर सका, संसाधनों की कमी या लापरवाही के कारण उसके पिता की मृत्यु हुई इस बारे में पुख्ता जांच की मांग उठाते हुए मैक ने कहा कि सरकार को स्वयं ही इस बारे में ठोस कदम उठाने चाहिए। मैक ने बताया कि उसे विश्वास नहीं हो पा रहा है कि उसके पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं। पिछले दिनों निकटवर्ती कई लोन्ग टर्म केयर सेंटरों में भी इस बारे में बहुत अधिक लापरवाही के समाचारों से उसका विश्वास और अधिक दृढ़ हो गया कि, अवश्य ही उसके पिता की देखभाल भी उचित प्रकार से नहीं की गई और आज उन्हें इसका भुगतान करना पड़ा।
ज्ञात हो कि कोरोना की ताजा रिपोर्ट के अनुसार इस समय केवल राज्य में ही 50,000 से अधिक लोग कोरोनो संक्रमित हो चुके हैं, जिसमें से 4,300 की मृत्यु की पुष्टि भी की जा चुकी हैं, इसमें से दो-तिहाई लोगों की मृत्यु लोन्ग-टर्म केयर सेंटरों में हुई जोकि जांच का विषय हैं और सरकार को अवश्य ही इस बारे में कुछ सख्त कदम उठाने होंगे। इसी प्रकार बॉरचीवीले में रह रहे वार्ड और उसके बच्चें अपनी मां के लिए अब दुआ में केवल मोमबत्ती जलाकर ही दुआ कर सकते हैं, क्योंकि उनकी मां भी अब इस दुनिया में नहीं रहीं, क्योंकि अब हम और कुछ नहीं कर सकते। वार्ड ने बताया कि पिछले दिनों जब वह बीमार हुई तो उसके परिवार से अपना सबसे उत्तम विचार यहीं प्रकट किया कि पीड़िता को हैल्थ केयर सेंटर में भर्ती करवाया जाएं जिससे वह जल्द से जल्द स्वस्थ्य होकर घर वापस आ जाएं, परंतु उन्हें यह ज्ञात ही नहीं था कि अब वह कभी वापस नहीं आएंगी और कोरोना उसे हमसे छीन लेगा। सरकार ने अब कई हैल्थ सेंटरों को अपने अधीन करने की घोषणा कर दी हैं और मृत परिजनों की व्याखित जानकारी के लिए भी कई प्रकार की ऑनलाईन सुविधा को जारी किया हैं।

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