अमेरिका हिंसा पर कैनेडा की पैनी नजर
- हाऊस ऑफ कोमनस में भी अमेरिका में बढ़ती जातिय हिंसा के मद्देनजर अपने देश में भी सुरक्षा के लिए उचित कदम किए जाने की मांग हुई तेज
औटवा। कैनेडियन संसद में भी इस बात को लेकर राजनीति गर्मा रही हैं कि किसी भी गुस्से को लेकर हिंसात्मक प्रदर्शन अमान्य होना चाहिए, कैनेडियन राजनेताओं का मानना है कि इस समय अमेरिकी हिंसात्मक गतिविधियों के कारण अमेरिका में रह रहे हजारों कैनेडियन के ऊपर भी जातिय हिंसा का प्रकोप पड़ सकता हैं। एनडीपी प्रमुख जगमीत ंिसंह का मानना है कि इस समय लोगों को वास्तविक सहयोग की आवश्यकता हैं केवल बातों से किसी भी समस्या का हल नहीं निकल सकेगा। इसके लिए यह देखना होगा कि इस हिंसा में कितने निर्दोषों की हत्या हुई जबकि कितने लोगों का अभी तक कुछ पहचान ही नहीं हो पाई हैं। ‘गौरतलब है कि एक काले व्यक्ति की मौत के बाद देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं। जॉर्ज फ्लॉयड नाम के काले व्यक्ति को मिनियापोलिस के श्वेत पुलिस अधिकारी ने गिरा कर उसकी गर्दन को घुटने से दबा दिया था जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी। हिंसक प्रदर्शनों ने अमेरिका के कई शहरों को अपनी चपेट में ले लिया है और जिस तरह की हिंसा हुई, वैसी दशकों में नहीं देखी गई। ट्रंप ने मंगलवार को ट्वीट किया कि वाशिंगटन में कल रात कोई समस्या नहीं हुई। कई लोगों की गिरफ्तारियां की गई हैं। बड़ी संख्या में बल तैनात है। ट्रंप इस बात की मीडिया कवरेज को लेकर भी नाराज हैं कि शुक्रवार को हुए प्रदर्शनों की वजह से उन्हें व्हाइट हाउस के एक बंकर में जाना पड़ा था। ट्रंप ने सोमवार को आक्रामक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने रोज गार्डन में शाम के संबोधन में राज्यों के गवर्नरों से कहा कि वे प्रदर्शनों पर काबू करने के लिए नेशनल गार्ड की तैनाती करें। राष्ट्रपति ने कहा कि अगर वे उन आदेशों का पालन नहीं करते हैं तो वह उनके राज्यों में सेना भेज देंगे। व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा कि संघीय सरकार ने प्रभावित राज्यों को उनके पास मौजूद नेशनल गार्ड की एक सूची दी थी। अधिकारी ने कहा कि गवर्नरों को ट्रंप का संदेश था कि अगर वे सभी उपायों का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो वे इसकी उम्मीद न करें कि उनके किसी भी आग्रह पर सहानुभूतिपूर्ण प्रतिक्रिया दी जाएगी।
वाशिंगटन में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की ट्रंप के कुछ समर्थकों ने मंगलवार को सराहना की। वहीं रिपब्लिक पार्टी के चंद लोगों ने इस बात पर चिंता जाहिर की कि कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों के अधिकारों का उल्लंघन किया है। रक्षा मंत्री ने भी प्रदर्शनकारियों को हटाने के बाद एक चर्च में फोटो खिंचवाने के लिए लाफयेट्ट पार्क के पार पैदल जाने के ट्रंप के फैसले से दूरी बना ली है। सोमवार शाम को ट्रंप के साथ सेंट जॉन्स चर्च जाने वाले पेंटागन के प्रमुख मार्क इस्पर ने कहा है कि उन्हें यह नहीं पता था कि राष्ट्रपति कहां जा रहे हैं। वहीं कैनेडियन संसद में भी लोगों से इस ओर स्वयं का परामर्श निकालने के लिए आग्रह किया हैं, लोगों को घरो पर सुरक्षित रहने के निर्देशों के साथ यह भी कहा जा रहा है कि फजूल की बातों पर अधिक ध्यान न दें और स्वयं व अपने परिजनों की सुरक्षा के लिए किसी भी मिथ्या का शिकार न बनें।
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