डुंडास स्ट्रीट के रिनेम पर दाखिल याचिका पर चर्चा आरंभ हुई

- विपक्ष का दावां है कि दुनदस का नाम गुलामी का सूचक होता है प्रतीत

टोरंटो। सिटी डुंडास के रिनेम पर आज हजारों लोगों ने अपने हस्ताक्षर कर सहमति जाहिर की, जिसके पश्चात संबंधित याचिका पर भी चर्चा आरंभ कर दी गई है। टोरंटो निवासी एंड्रू लोचहेड ने इस बारे में बताते हुए कहा कि पिछले दिनों अमेरिका में हुए जातिय हिंसा इन बातों को और अधिक तूल देती हैं, बताया जाता है कि स्लेवरी के अंत करने के लिए इस नाम परिवर्तन को अवश्य अंजाम दिया जाना चाहिए, इस सिटी के नाम से यहीं प्रदर्शित होता हैं कि अभी भी लोग गुलामी को महत्व देते हैं, ज्ञात हो कि 18वीं सदी में ब्रिटीश शासक द्वारा इस शहर का नाम रखा गया था।
टोरंटो निवासी एंड्रू लोचेएड ने बताया कि इस याचिका में पुलिस क्रूरता और अश्वेत विरोधी जातिय हिंसा को भी बढ़ावा देने से रोकेने की नीति पर कार्यन्वयण की योजना पर भी विचार करने के लिए कहा गया। 1806 में दासता के उन्मूलन का आरंभ हुआ था, जिसके लिए अब इस प्रकार की नीतियों की विरासतों का भी अंत करना चाहिए, जिससे अब एक नई नीति के अंतर्गत सिटी काउन्सिल ने प्रदर्शन को अंजाम देते हुए दुनदस स्ट्रीट का नाम बदलना सुनिश्चित किया हैं। याचिका में यह भी कहा गया कि इसके लिए कई प्रकार की योजनाओं पर ध्यान दिया गया हैं।  इसके लिए राज्य के अन्य जानकारों और संबंधित लोगों से इस बारे में सूचनाएं एकत्र की गई है, जिसके पश्चात ही इस बारे में योजना को सुनिश्चित किया जाएगा।
डुंडास स्ट्रीट के बारे में बताते हुए टोरंटो निवासी ने बताया कि इस स्थान का निर्माण विशेष तौर पर दासों के रहने ेके लिए बनाया गया था, इसलिए यहां बहुत ही तंग गलियां है और मकानों को भी अव्यवस्थित ढंग से निर्मित किया गया हैं, जिससे यह पता चलता है कि यह दासों के लिए विशेष तौर पर निर्मित किए गए थे, जिसे अब बदल देना ही उचित होगा, जिससे दासता का यह प्रतीक समाप्त हो जाएं और कैनेडा दासता मिटाने में एक श्रेष्ठ भूमिका के रुप में अपना एक कार्य पूरा कर सके ।
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