रिओपनींग में लोग स्वयं की निगरानी पर दें अवश्य ध्यान : डॉ. लॉरेन्स लोह

- पील प्रांत के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लॉरेन्स लोह का मानना है कि इस बार की रिओपनींग में स्थानीय लोग स्वयं की सावधानी पर दें अवश्य ध्यान, जिससे किसी भी प्रकार की कोई अनदेखी न हो सके।

ओंटेरियो : पील प्रांत के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. लॉरेन्स लोह का मानना है कि जैसे-जैसे रिओपनींग बढ़ेगी लोगों की सुरक्षा का दायरा टूटेगा और कोरोना संक्रमित व्यक्ति आपके घर के निकट आ जाएगा, परंतु अब इससे बचाव के लिए आपको स्वयं ध्यान रखना होगा और किसी भी प्रभावित स्थान व व्यक्ति से स्वयं को बचाना होगा, इसके लिए जागरुकता तो आवश्यक है ही इसके अलावा स्वयं की सुरक्षा भी अनिवार्य होगी, जिससे आपका व आपके परिवार का बचाव हो सके, बुधवार को मिले आंकड़ों के अनुसार ब्रैम्पटन में सबसे अधिक पॉजिटीव केस मिले, जिसके अनुसार नए केसों की संख्या 23 तक पहुंच गई हैं, वैसे राज्य सरकार ने अपनी नई रिओपनींग पर भी चर्चा आरंभ कर दी हैं और बताया जा रहा है कि अगले आपातकाल में इसकी घोषणा कर दी जाएंगी। व्यापार को बढ़ाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही हैं और भविष्य में भी इन्हीं प्रयासों का दम दिखाते हुए सरकार नए प्रस्ताव सभी के सामने लेकर आएंगी। लोह ने यह भी बताया कि अभी भी पील प्रांत में कुल एक्टिव केसों की संख्या 6,000 के निकट हैं, इसलिए रिओपनींग के पश्चात भी सावधानी आवश्यक हैं, लोगों की थोड़ी सी भूल भी अनेक दुष्परिणाम सामने लेकर आ सकती हैं। इसलिए सावधानी में ही बचाव हैं, इस लक्ष्य को हमेशा धारण करना होगा। आंतरिक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. लॉरेन्स लोह ने कहा कि केवल पिछले सात दिनों में 40 से 50 नए केसों का मिलना बहुत अधिक चिंता को जाहिर करता हैं। सूत्रों के अनुसार देश में मिलने वाले संक्रमितों की संख्या में प्रत्येक छठां या आठवां मरीज ब्रैम्पटन से आ रहा हैं, ये टिप्पणी ब्रैम्पटन के लिए एक भयंकर रिपोर्ट हैं, जिसका जल्द ही निवारण अनिवार्य होगा। ज्ञात हो कि ओंटेरियो की कुल आबादी का एक इक्कीसवां हिस्सा केवल ब्रैम्पटन से मिल रहा हैं, जिसका मुख्य कारण सिटी ने केवल सोशल डिशटेन्सींग की कमी बताया ।  सरकार ने अपनी टेस्टींग क्षमता को भी बढ़ाया हैं, जिससे यह चिंता कुछ कम हो सकेगी और कोविड-19 के प्रभावित लोगों की जल्द पहचान करते हुए उन्हें तुरंत उपचार के लिए अस्पताल भेजा जा  सके, जिनके लक्षणों में कमी हो उन्हें घर से ही ईलाज का उपाय बताया जा रहा हैं और मौजूदा आपातकाल की सफलता के लिए सभी प्रयासरत हंै।

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