पूर्व प्रिंसीपल पर छात्रों ने लगाया नस्लवाद बढ़ाने का आरोप

टोरंटो। टोरंटो के हाई स्कूल के पूर्व प्रिंसीपल पर गंभीर आरोप सामने आएं हैं, बताया जा रहा है कि पूर्व प्रिंसीपल ने अश्वेत-विरोधी नस्लवाद को बढ़ावा दिया और इससे कई अश्वेत छात्रों का शोषण भी किया। छात्रों के इस ग्रुप ने न्याय की गुहार करते हुए पूर्व प्रिंसीपल सायन्थीया अबरनेथी को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग उठाई हैं। ग्रुप में यह भी कहा गया कि प्रिंसीपल ने नस्लवाद का समर्थन करते हुए इसे आगे बढ़ाने का दुष्कार्य किया हैं, इसलिए उन्हें अवश्य ही सजा मिलनी चाहिए। ज्ञात हो कि टोरंटो डिस्ट्रीक्ट स्कूल बोर्ड (टीडीएसबी) में सदा से ही संस्थागत नस्लवाद के विवाद सामने आते रहे हैं, जहां अश्वेत, आदिवासी, नस्लवादी छात्र, एलजीबीटीक्यू 2एस और मुस्लिम समुदाय निशाने पर रहे।
इस ग्रुप के एक सदस्य डेस्टीनी माए अब्राहम ने बताया कि पूर्व प्रिंसीपल ने उन्हें अपने फाइनल वर्ष की पढ़ाई में हमेशा अंतिम समय में ही ”माइक्रो एग्रेशन” दिए जिसका उसे हमेशा निराशा रहीं, कक्षा 12 में भी जब अब्राहम ने एक एंटी-व्हाईट कविता सुनाई तो उसे पूर्व प्रिंसीपल से तिरस्कार मिला, इसके पश्चात ही उन्होंने अश्वेत छात्रों का एक ग्रुप बनाने का विचार बनाया जिसमें प्रति माह ब्लैक हिस्ट्री मंथ मनाने का निर्णय लिया गया और अपनी-अपनी समस्याओं का इस दिन चर्चा करने और भविष्य की रणनीति तैयार करने पर विचार किया जाने लगा। पिछले कुछ वर्षों में इस ग्रुप के प्रयासों से ही टीडीएसबी के कई विवादित मुद्दों को सार्वजनिक किया गया और पूर्व छात्रों के साथ हुए नस्लवाद कृत्यों को उजागर भी किया गया। इससे संबंधित अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही की मांग भी शामिल की गई। संस्था ने यह भी वादा किया है कि प्रत्येक उस छात्र को न्याय मिलेगा जो नस्लवाद के अंतर्गत शोषित हुए हैं। यद्यपि पूर्व प्रिंसीपल सायन्थीया अबरनेथी अभी अपने पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं, फिर भी उन्हें न्याय के लिए दंड सहना पड़ेगा। ग्रुप की अथक प्रयासों के पश्चात टीडीएसबी ने भी इस मामले की जांच के लिए आवश्यक सहयोग की बात स्वीकारी हैं और कहा है कि यदि पूर्व प्रिंसीपल दोषी पाएं जाते हैं तो अवश्य ही उन पर कठोर कार्यवाही की जाएंगी।

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