माइंड रीडिंग करने में सक्षम कम्प्यूटर
टोरंटो, कैनेडा के कुछ उससे संवाद कर सकशोधकर्ताओं ने ऐसा माइंड रीडिंग कम्प्यूटर बनाया है जो कोमा में जा चुके शख्स के दिमाग को पढ़ ता है। कोमा में जाने के बाद इंसान का मस्तिष्क तो जीवित रहता है लेकिन शरीर के सभी अंग काम करना बंद कर देते हैं। जिस कारण इंसान न तो बोल पाता है और न कोई प्रतिक्रिया दे पाता है। लेकिन इस नए कम्प्यूटर की मदद से कोमा में पड़े इंसान से सीधा संवाद कर कई समस्याओं को सुलझाया जा सकता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ओंटारिया के शोधकर्ता न्यूरोइमेजिंग की मदद से इंसानी दिमाग को पढऩे का दावा कर रहे हैं। मस्तिक में जो भी चल रहा है, उसे हां या नहीं के उत्तर के रूप में कम्प्यूटर की स्क्रीन पर देखा जा सकता है।
शोधकर्ताओं का दावा है कि उनकी यह नई खोज कोमा में जाने के कारण पूरी तरह निष्क्रिय हो चुके लोगों से संवाद करने के लिए एक क्रांतिकारी खोज हो सकती है। इनकी इस खोज के बारे में द जर्नल ऑफ न्यूरोसाइंस में पब्लिश किया गया है।
प्रमुख शोधकर्ता लोरिना नेसी कहती हैं कि उनकी इस नई खोज से किसी भी इंसान के दिमाग में चल रहे किसी भी भाव को बिना एक्शन और बोले हुए कम्प्यूटर के माध्यम से लाया जा सकता है। मॉडर्न न्यूरोसाइंस के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं है। अब तक कोमा में जा चुके इंसान से संवाद करने का कोई भी साधन डॉक्टरों के पास मौजूद नहीं है।
जो मरीज पूरी तरह कान्शस हैं लेकिन ब्रेन में नुकसान पहुंचने के कारण कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दे पा रहे हैं, उनके लिए यह अविष्कार नई जिंदगी देने वाला है। लेकिन इस अविष्कार से केवल उन्हीं सवालों के जवाब मिलेंगे, जिनके जवाब हां या फिर नहीं में आ सकते हैं। मसलन क्या तुम शादीशुदा हो? या फिर क्या तुम्हारे कोई भाई और बहन हैं? ऐसे सवालों का जवाब कोमा में पड़ा व्यक्ति सिर्फ सोच सकता है, बोल नहीं सकता है। स्कैनर की मदद से व्यक्ति ऐसे सवालों का सही जवाब दे सकता है। इस तकनीक में जब इंसान से कोई प्रश्न पूछा जाता है तो उसका ध्यान सही जवाब पर होता है। कम्प्यूटर स्कैनर की मदद से इस जवाब को स्क्रीन पर शो करेगा।
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