कोविड-19 के कारण पीछे छूटे कोर्सों को पूरा करवाएंगी ओंटेरियो यूनिवर्सिटीज
टोरंटो। ओंटेरियो के कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों के मार्च से बंद होने का मूल्य सभी छात्रों को चुकाना पड़ रहा हैं, परंतु अब ओंटेरियो यूनिवर्सिटीज से इस समस्या का हल निकालने पर विचार कर रही हैं, कोविड-19 महामारी के कारण सभी विश्वविद्यालयों का पाठ्यक्रम भी बहुत पीछे छूट गया हैं। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए ओकेडे यूनिवर्सिटी के अध्यापिका ईलेने सोवा ने बताया कि इस आवांछित स्थिति को समाप्त करना होगा तभी अगले वर्ष इस भेद को मिटाया जा सकेगा नहीं तो पीछे छूटे पाठ्यक्रमों के कारण स्थिति और अधिक बिगड़ सकती हैं। उन्होनें बताया कि वह जल्द ही अपने घर को ही ऑफीस में परिवर्तित करेगी और इसके लिए उन्होंने कार्य करना आरंभ भी कर दिया हैं। सोवा ने अपने एक साक्षात्कार में माना कि उनके छात्रों को खाली समय में आर्ट आदि की ऑनलाईन कक्षाएं पसंद आएंगी, इसलिए उन्होंने अप्रैल से ही इस विषय पर कार्य करना आरंभ कर दिया था। इस कोर्स का नाम ”कोविड-19 रेस्पॉन्सीव एक्टÓÓ दिया गया, जिसमें छात्रों से कहा गया कि इस महामारी काल में उनके जीवन पर पड़े प्रभावों और भविष्य की चिंताओं से जुड़े दृश्यों को कला के माध्यम से कागज पर उतारने का प्रयास करें, जिससे एक अच्छी कलाकृति भी बन सकेगी और उनका समय भी अच्छे कार्यों में लगेगा। सोवा ने अपने स्वयं का अनुभव बताते हुए कहा कि यह एक सबसे अच्छा समय बीताने का माध्यम हैं, उन्हें भी जब समय बिताना होता हैं तो वह कोई भी विषय पर चिंतन करते हुए चित्रकारी करती हैं और उस माध्यम में उनका समय भी बीत जाता हैं और कलाकृति भी पूरी हो जाती हैं। कोविड-19 के कारण इस समय सभी लोग प्रभावित हैं, विशेष रुप से युवा वर्ग जो प्रति घंटे इधर-उधर घूमकर अपना समय बीताता था, वे आज बंधकर रह रहे हैं, जिसके कारण उन्हें अच्छा प्रतीत नहीं हो रहा और अपनी इस दुविधा को वे खुलकर सभी के सामने प्रस्तुत नहीं कर सकते। परंतु अपने माध्यमों को और अधिक विस्तार देते हुए सोवा ने बताया कि छात्र अपने विचारों को कानून और राजनैतिक शिक्षा में भी जोड़कर व्यक्त कर सकते हैं, इसके लिए उन्हें स्वयं अपनी रुचि को व्यक्त करना होगा। मक्मास्टर यूनिवर्सिटी के राजनीति विज्ञान के अध्यापक अहमद फिरास खालिद ने बताया कि इस बार वे बच्चों को महामारी में राजनीति विषय पर कक्षाएं देने के लिए उत्सुक हूं, यह खालिद का भी पहला अनुभव होगा कि जब बच्चों को किसी महामारी पर इतने अधिक राजनीति प्रबंध करते देखा गया हैं। इस शिक्षा सत्र से पूर्व छात्रों को अपने स्वास्थ्य विषय पर भी पूरा कार्य करना होगा, जिससे किसी भी लापरवाही के कारण उन्हें किसी भी प्रकार का संक्रमण नहीं हो सके।
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