वी चैरिटी विवाद को सुलझाने के लिए ली जा सकती हैं विदेशी गु्रप्स की सहायता
टोरंटो। वी चैरिटी विवाद को हल करने के लिए सार्वजनिक चर्चा आरंभ कर दी गई हैं, इस विवाद को सुलझाने के लिए वास्तव में अफ्रीकन सामाजिक संस्थाओं से मदद ली जा सकती हैं, जिनका यह मानना है कि वी चैरिटी के लेखांकन का भी आंकड़ा सदैव उलझा हुआ रहा, उनके स्वयं के दर्शाए आंकड़ों के अनुसार ही वे वार्षिक जितना दावा करते थे उससे अधिक वितरण करने की बात को स्वीकारते थे, जोकि संभव नहीं हो सकता। इस बारे में पूर्व अफ्रीका कार्यक्रम के निदेशक फिरोज मंजी का कहना है कि वी संस्था द्वारा अपने सभी लेखांकनों के लिए स्वयं के सुनिश्चित एकाउन्टेंट होते थे, जिससे इस बारे में अधिक जानकारी नहीं सार्वजनिक हो पाती, जिसकी भी पारदर्शी जांच अवश्य होनी चाहिए।
कोविड-19 महामारी को लेकर केंद्र सरकार द्वारा छात्रों के लिए घोषित वित्तीय सहायता को वितरित करने के लिए वी चैरिटी को चुना गया, परंतु पिछले दिनों बिगड़ती स्थितियों को देखते हुए इससे संबंधित कंपनी वी चैरिटी से इससे अपना हाथ छुड़वा लिया और वी चैरिटी विवाद का जन्म हुआ, जहां विपक्ष का मानना था कि केंद्र सरकार ने वी चैरिटी के साथ मिलकर मिलीयनस डॉलर का घोटाला किया हैं वहीं केंद्र का मानना है कि उन्हें इस सब मामले की आंतरिक जानकारी नहीं थी, जिसके लिए वह क्षमाप्रार्थी हैं। इसके पश्चात संसदीय कमेटी की वैधता प्राप्त कर इस विवाद की जांच आरंभ कर दी गई हैं। ज्ञात हो कि इस विवाद के मुख्य आरोपी वी चैरिटी संस्था की सभी जांचे अफ्रीकन कंपनी द्वारा की जा रही हैं और सभी यहीं आशा लगा रहे है कि जांच के परिणाम अवश्य आएं जिससे देश की बाग डोर संभालने वाली पार्टी की पारदर्शिता का भी पता चल सके।
ज्ञात हो कि गत 9 सितम्बर को वी चैरिटी से इस योजना से स्वयं को पूर्ण रुप से अलग कर दिया था, जिसके पश्चात मामला और अधिक उसके विपक्ष में चला गया और यह माना जाने लगा कि अवश्य ही इस विवाद के पीछे कोई कारण हैं, जिसके कारण वी चैरिटी ने अपने सभी कार्योंलयों को कैनेडा से बंद करने की घोषणा कर दी।
जानकारों का यह भी मानना है कि कोरोना के कारण बिगड़ती देश की अर्थव्यवस्था के कारण विदेशी जांच करवाना कोई आसान कार्य नहीं होगा, परंतु सरकार ने यही आदेश पारित किए है कि इस विवाद की जांच विदेशी कंपनियों द्वारा होगी जिससे किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार नहीं हो सके। वर्ष 2019 में वी चैरिटी की आमदनी और खर्चों को प्रस्तुत करने वाली एक दलील के कारण कंपनी की वार्षिक आय 65.9 मिलीयन डॉलर हैं जबकि उसके द्वारा किए गए एक वर्ष का खर्चा 68.2 मिलीयन डॉलर हैं जोकि सभी को अचमभित कर रहा हैं, जिसके कारण इस प्रकार की जांच को मान्यता दी गई हैं। इसके अलावा वर्ष 2018 के अनुसार प्राप्त आंकड़ों के अनुसार भी वी चैरिटी को प्राप्त हुए राजस्व की तुलना में उसके खर्चो में अंतर पाया जाना किसी बड़े घोटाले की ओर इशारा कर रहा हैं।
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